इन आसान उपायों से पाएं ग्रहों की शांति, दूर होगी जीवन की परेशानियां

By: Ankur Mundra Thu, 20 Aug 2020 10:40:40

इन आसान उपायों से पाएं ग्रहों की शांति, दूर होगी जीवन की परेशानियां

ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों का विशेष महत्व माना जाता हैं जिनकी मजबूत स्थिति आपके जीवन को सुगम बनाने का काम करती हैं। वहीँ अगर कुंडली में ग्रह पीड़ित व दोष युक्त हों तो इसका जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता हैं और हर कार्य में बाधा उत्पन्न होती हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं जिनकी मदद से ग्रहों की शांति पाई जा सकती हैं और जीवन की परेशानियों को दूर किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।

पूजा अनुष्ठान

ज्योतिष में अनिष्ट ग्रहों की शांति का बहुत महत्व होता है। कुंडली परीक्षण के उपरांत अनिष्ट ग्रहों की विधिवत् व शास्त्रानुसार शांति के लिए कई प्रक्रियाएं हैं, जैसे अनिष्ट ग्रह के जाप-अनुष्ठान, हवन आदि इनमें नवग्रह शांति, रुद्राभिषेक, शत चंडी महायज्ञ आदि।

astrology tips,astrology tips in hindi,astrology measures,grah shanti ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, ज्योतिषीय उपाय, ग्रह शांति उपाय

मंत्र

ज्योतिष में कुल नौ ग्रह हैं सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु जो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं। कुंडली मे अगर कोई ग्रह अशुभ फल देते हैं तो उनसे बचने के लिए ग्रहों से संबंधित मंत्रों का जप करना चाहिए। वैदिक ज्योतिष में कुछ ऐसे मंत्र हैं जो कि अत्यंत प्रभावशाली माने गए हैं। जिनमें 9 ग्रहों के 9 बीज मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र:, बगलामुखी मंत्र आदि।

यंत्र

यंत्र एक प्रकार से सुरक्षा कवच हैं और यह कागज पर, भोजपत्र पर या तांबे पर बनाया जाता है। यंत्र-रचना मात्र रेखांकन नहीं है, बल्कि उसमें वैज्ञानिक तथ्य भी हैं। यंत्र देवी-देवताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। जो ग्रह मारक या बाधक हो उस ग्रह की पूजा यंत्र द्वारा करें। यंत्र को मंत्र का रूप माना जाता है। नवग्रह यंत्र, श्री यंत्र, श्री महालक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र आदि।

astrology tips,astrology tips in hindi,astrology measures,grah shanti ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, ज्योतिषीय उपाय, ग्रह शांति उपाय

दान

सनातन धर्म में दान को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। वैदिक ज्योतिष मे जन्म कुण्डली के विभिन्न ग्रहों को शांत करने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के दान कर्म किए जाते हैं। जन्मपत्रिका का आंकलन करने के बाद, जीवन में सुख, समृद्धि एवं अन्य इच्छाओं की पूर्ति हेतु दान कर्म करने की सलाह दी जाती है। हर ग्रह का एक मूल स्वभाव है और उसी अनुरूप दान करना चाहिए। दान में अशुभ ग्रहों से संबंधित वस्तुओं का दिया जाए तो उसकी अशुभता व कुप्रभाव कम हो जाते हैं।

उपवास

किसी विशेष उद्देश्य या कामना की पूर्ति के लिए या निष्काम भाव से उपवास करना भगवान की कृपा प्राप्ति का एक सरल साधन है। विधिपूर्वक किए गए व्रत का फल अवश्य मिलता है। ग्रह दोष निवारण के लिए संबन्धित ग्रह का व्रत करना चाहिए।

राशि रत्न

रत्न मुख्यतः नौ प्रकार के होते हैं और सभी रत्नों का उप रत्न भी होता है, जितना अच्छा रत्न होता है। उसका प्रभाव भी उतना अधिक होता है। सभी रत्नों का उनके ग्रहों के अनुसार दिन और अंगुलियां निर्धारित की गई हैं। रत्न का चुनाव हमेशा कुंडली के ग्रहों की स्थिति को देखते हुए करना चाहिए राशियों के आधार पर नहीं। निश्चित माप का रत्न धारण करना ही लाभप्रद होता है, उससे कम या अधिक का नहीं। कुंडली की ग्रह स्थति के विपरीत रत्न धारण से आपको इसका विपरीत परिणाम भी मिलता है।

ये भी पढ़े :

# गणेश चतुर्थी 2020 : कोरोना काल में इस तरह करें गणपति जी को प्रसन्न, जानें पूजन विधि

# गणेश चतुर्थी 2020 : कब करें गणपति जी की स्थापना, जानें शुभ मुहूर्त

# ये संकेत दिखाते हैं कुंडली में राहु की कमजोर स्थिति, आने वाले हैं बुरे दिन

# जीवन में धन हानि का कारण बनती हैं ये गलतियां, जानें और करें सुधार

# आपकी किस्मत चमका सकता हैं नमक, जानें इसके उपाय

# गणेश चतुर्थी स्पेशल : गणपति की हर मूर्ति का अपना विशेष महत्व, मनोकामना अनुसार करें स्थापना

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com