गरुड़ पुराण के अनुसार इन चीजों के सिर्फ दर्शन मात्र से ही मिल जाता है पूण्य

By: Megha Wed, 18 July 2018 3:29:38

गरुड़ पुराण के अनुसार इन चीजों के सिर्फ दर्शन मात्र से ही मिल जाता है पूण्य

मनुष्य के जीवन का मुख्य उद्देश्य पूण्य कर मोक्ष प्राप्त करना है। मनुष्य पूण्य करने के लिए बहुत से धर्म कर्म के कार्य करता रहता है। हमारे शास्त्रों में ऐसे कई कामो का वर्णन किया जिनको करने से पूण्य प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार कुछ चीज़े ऐसी होती है जिनको देख लेने से ही पूण्य प्राप्त होता है। जिनके दर्शन मात्र से ही हमे पूण्य प्राप्ति हो जाती है। तो आइये जानते है इन चीजों के बारे में....

* गोमूत्र

गोमूत्र को बहुत ही पवित्र माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार गोमूत्र में मां गंगा का वास होता है। गोमूत्र को औषधि के रूप में भी उपयोग किया जाता है, लेकिन गरुड़ पुराण के अनुसार गोमूत्र को केवल देख लेने से ही मनुष्य को पुण्य और लाभ की प्राप्ति हो जाती है।

* गोधूली
कई बार गाय अपने पैरों से जमीन को खरोचते हुए देखा जाता है। ऐसा करने पर जमीन से जो धूल निकलती है, उसे गोधूली कहते है। कहा जाता है गाय के पैरों से खुरची हुई धूल भी पवित्र हो जाती है। गोधूली को देख लेने मात्र से ही मनुष्य को कई गुना पुण्य की मिल जाता है।

garud puraan,mythology,jeevan mantra ,गरुड़ पुराण,जीवन मंत्र

* गोबर
शास्त्रों में गाय को भगवान के समान माना जाता है। गाय के गोबर का भी बहुत महत्व है। किसी भी स्थान को पवित्र करने के लिए गाय का गोबर का प्रयोग किया जाता है। यदि मनुष्य पवित्र भावना से गाय के गोबर को मात्र देख ले तो ही उसे पुण्य की प्राप्ति हो जाती है।

* हरी भरी खेती

फसलों से भरे हुए खेत केवल सुंदरता ही नहीं पुण्य के भी प्रतीक होते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, पकी हुई फसलों या हरे भरे फसलो को देख लेने से भी मनुष्य पुण्य और लाभ मिलता है।

* गोशाला
जिस स्थान पर गायों को रखा जाता है, उसे गोशाला कहते हैं। भगवान कृष्ण को गाये बहुत प्रिय थी, तभी तो उन्हें गायो का रक्षक भी कहा जाता है।तभी जो मनुष्य गोशाला में गायो की सेवा करता ही उसे पूण्य की प्राप्ति होती है, लेकिन अगर मनुष्य सेवा न कर के सिर्फ दर्शन भी कर ले तो भी उसे पूण्य की प्राप्ति होती है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com