Ganesh Chaturthi 2018 : 'मुंबई चा राजा' के बारे में जानें ये जानकारी

By: Ankur Wed, 12 Sept 2018 6:33:38

Ganesh Chaturthi 2018 : 'मुंबई चा राजा' के बारे में जानें ये जानकारी

गणेशोत्सव का प्रसिद्ध महापर्व इस साल श्री गणेश चतुर्थी 13 सितम्बर 2018 गुरुवार से प्रारम्भ होकर 23 सितम्बर 2018 रविवार को गणपति विसर्जन के साथ समाप्त होगा। सिद्धिविनायक श्री गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi 2018 का व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इसी दिन मध्याह्न काल में श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। इसलिए मध्याह्न व्यापिनी चतुर्थी तिथि को यह व्रत किया जाता है। भगवान गणेश विध्नहर्ता और विघ्नकर्ता दोनों है और यह वैभव और सम्पत्ति को दाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व आ चूका है और सभी ओर इसकी रौनक देखा जा सकती हैं। खासतौर पर मुंबई में गणेशोत्सव का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता हैं। मुंबई में कई मंडल हैं जो गणेशोत्सव के इस आयोजन को विशेष बनाने में अपना योगदान देते हैं। ऐसे में ही एक मंडल हैं 'मुंबई चा राजा' मंडल जिसे गणेश गल्ली चा राजा के नाम से भी जाना जाता हैं।

मुंबई चा राजा मंडल मुंबई क्या देश के भी कई पुराने मंडलों में से एक हैं। इस साल मुंबई चा राजा मंडल पूरे 91 साल करने जा रहा हैं। हर साल यहाँ लाखों भक्त गणपति जी के दर्शन करने आते हैं और उनके दर्शन कर पूजा करते हैं। यह लालबाग चा राजा से थोड़ी ही दूरी पर स्थित हैं।

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क्या आप जानते हैं भगवान गणेश को वैभव और सुख के दाता की शक्तियां कहां से और कैसे प्राप्त हुई आइए जानते हैं इसके पीछे की कथा।

माता लक्ष्मी की कोई अपनी संतान नहीं थी। इस बात को लेकर एक बार भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी को उनके अहम भाव के कारण संतान सुख के अभाव वाली बात पर उन्हें चिंता में डाल दिया। भगवान विष्णु की बात सुनकर लक्ष्मी बहुत चिंतित होकर अपनी बहन पार्वती जी के पास पहुंची और अपनी सारी पीड़ा उन्हें सुनाई। माता लक्ष्मी ने पार्वती जी कहा कि तुम्हारे दो पुत्र है अगर इनमें से एक मुझे दे दो तो मैं भी मातृत्व का सुख प्राप्त कर सकूंगी। माता लक्ष्मी की पीड़ा को समझकर उन्होंने उन्हें भगवान गणेश को गोद दे दिया।

संतान सुख प्राप्त कर माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न हुई और उन्होंने अपनी समस्त सिद्धियां और सुख सम्पत्तियां भगवान गणेश को प्रदान कर दी। इसके अलावा उनका विवाह सिद्धि और रिद्धि कर दिया। तभी से वैभव और सुख की प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी की पूजा के साथ भगवान गणेश की भी पूजा होने लगी। यही कारण है कि दीवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की भी पूजा जरूर की जाती है।

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