विजया एकादशी दिलाएगी शत्रुओं से छुटकारा, व्रत के दौरान करें इन नियमों का पालन

By: Ankur Wed, 19 Feb 2020 06:47:06

विजया एकादशी दिलाएगी शत्रुओं से छुटकारा, व्रत के दौरान करें इन नियमों का पालन

हिन्दू धर्म में शास्त्रों का बड़ा महत्व माना गया हैं जिसमें बताई गई बातें अनुसरणीय होती हैं। शस्त्रों में एकादशी का महातम्य बताया गया हैं। आज फाल्गुन कृष्ण एकादशी हैं जो कि विजया एकादशी के रूप में जानी जाती हैं। त्रेतायुग में मर्यादा पुरुषोतम भगवान् श्री राम ने भी इस व्रत को किया था ताकि शत्रुओं पर विजय प्राप्त की जा सकें। आज हम आपको एकादशी पर किए जाने वाले व्रत के नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं ताकि आपको इसका पूर्ण फल मिल सकें। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

घर के मुख्य द्वार पर लगी ये 4 चीजें लाती है सकारात्मकता

महाशिवरात्रि 2020 : शिवपुराण के अनुसार इस तरह करें पूजन, मिलेगा पूर्ण लाभ

- एकादशी के दिन क्रोध न करते हुए मधुर वचन बोलना चाहिए।
- एकादशी का व्रत-उपवास करने वालों को दशमी के दिन मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि निषेध वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
- रात्रि को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए तथा भोग-विलास से दूर रहना चाहिए।
- एकादशी के दिन प्रात: लकड़ी का दातुन न करें, नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और अंगुली से कंठ साफ कर लें, वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है। अत: स्वयं गिरा हुआ पत्ता लेकर सेवन करें।

astrology tips,astrology tips in hindi,ekadashi fast,ekadashi rules,lord vishnu,lord ram ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, एकादशी व्रत के नियम, विजया एकादशी 2020, भगवान राम, भगवान विष्णु

- यदि यह संभव न हो तो पानी से बारह बार कुल्ले कर लें। फिर स्नानादि कर मंदिर में जाकर गीता पाठ करें या पुरोहितजी से गीता पाठ का श्रवण करें।
- फिर प्रभु के सामने इस प्रकार प्रण करना चाहिए कि 'आज मैं चोर, पाखंडी़ और दुराचारी मनुष्यों से बात नहीं करूंगा और न ही किसी का दिल दुखाऊंगा। रात्रि को जागरण कर कीर्तन करूंगा।'
- तत्पश्चात 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' इस द्वादश मंत्र का जाप करें। राम, कृष्ण, नारायण आदि विष्णु के सहस्रनाम को कंठ का भूषण बनाएं।
- भगवान विष्णु का स्मरण कर प्रार्थना करें और कहे कि- हे त्रिलोकीनाथ! मेरी लाज आपके हाथ है, अत: मुझे इस प्रण को पूरा करने की शक्ति प्रदान करना।
- यदि भूलवश किसी निंदक से बात कर भी ली तो भगवान सूर्यनारायण के दर्शन कर धूप-दीप से श्री‍हरि की पूजा कर क्षमा मांग लेना चाहिए।
- एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है।

- इस दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए।
- अधिक नहीं बोलना चाहिए। अधिक बोलने से मुख से न बोलने वाले शब्द भी निकल जाते हैं।
- इस दिन यथा‍शक्ति दान करना चाहिए। किंतु स्वयं किसी का दिया हुआ अन्न आदि कदापि ग्रहण न करें। दशमी के साथ मिली हुई एकादशी वृद्ध मानी जाती है।
- वैष्णवों को योग्य द्वादशी मिली हुई एकादशी का व्रत करना चाहिए। त्रयोदशी आने से पूर्व व्रत का पारण करें।
- एकादशी (ग्यारस) के दिन व्रतधारी व्यक्ति को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करें।
- प्रत्येक वस्तु प्रभु को भोग लगाकर तथा तुलसीदल छोड़कर ग्रहण करना चाहिए।
- द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को मिष्ठान्न, दक्षिणा देना चाहिए।

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com