Buddha Purnima 2020 : 7 मई को मनाई जानी हैं बुद्ध जयंती, जानें उनके विचार

By: Ankur Sat, 02 May 2020 07:58:17

Buddha Purnima 2020 : 7 मई को मनाई जानी हैं बुद्ध जयंती, जानें उनके विचार

वैसाख महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह तिथि इतनी पावन हैं की इसी दिन बुद्ध का अवतरण, आत्मज्ञान अर्थात बोध और महापरिनिर्वाण हुआ। गौतम बुद्ध के विचारों ने पूरी दुनिया के सोचने का नजरिया बदला हैं। आने वाली 7 मई को बुद्ध जयंती मनाई जानी हैं। बुद्ध यानी सिद्धार्थ का जन्म नेपाल की तराई के लुम्बिनी वन में ईसा पूर्व कपिलवस्तु के महाराजा शुद्धोदन की धर्मपत्नी महारानी महामाया देवी के घर हुआ था। सिद्धार्थ ही आगे चलकर भगवान बुद्ध कहलाए। गौतम बुद्ध ने अपने उपदेशों में संतुलन की धारणा को महत्व दिया।

उन्होंने इस बात पर बहुत बल दिया कि भोग की अति से बचना जितना आवश्यक है उतना ही योग की अति अर्थात तपस्या की अति से भी बचना जरूरी है। भोग की अति से चेतना के चीथड़े होकर विवेक लुप्त और संस्कार सुप्त हो जाते हैं। परिणामस्वरूप व्यक्ति के दिल-दिमाग की दहलीज पर विनाश डेरा डाल देता है। ठीक वैसे ही तपस्या की अति से देह दुर्बल और मनोबल कमजोर हो जाता है। परिणामस्वरूप आत्मज्ञान की प्राप्ति अलभ्य हो जाती है, क्योंकि कमजोर और मूर्च्छित-से मनोबल के आधार पर आत्मज्ञान प्राप्त करना ठीक वैसा ही है जैसा कि रेत की बुनियाद पर भव्य भवन निर्मित करने का स्वप्न संजोना।

astrology tips,astrology tips in hindi,buddha jayanti 2020,buddha poornima 2020 ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, बुद्ध पूर्णिमा 2020, बुद्ध जयंती 2020

गौतम बुद्ध का कहना है कि चार आर्य सत्य हैं : पहला यह कि दुःख है। दूसरा यह कि दुःख का कारण है। तीसरा यह कि दुःख का निदान है। चौथा यह कि वह मार्ग है जिससे दुःख का निदान होता है।

बुद्ध के मत में अष्टांगिक मार्ग ही वह मध्यम मार्ग है जिससे दुःख का निदान होता है। अष्टांगिक मार्ग चूंकि ज्ञान, संकल्प, वचन, कर्मांत, आजीव, व्यायाम, स्मृति और समाधि के संदर्भ में सम्यकता से साक्षात्कार कराता है, अतः मध्यम मार्ग है। मध्यम मार्ग ज्ञान देने वाला है, शांति देने वाला है, निर्वाण देने वाला है, अतः कल्याणकारी है और जो कल्याणकारी है वही श्रेयस्कर है।

गौतम बुद्ध विश्वकल्याण के लिए मैत्री भावना पर बल देते हैं। ठीक वैसे ही जैसे महावीर स्वामी ने मित्रता के प्रसार की बात कही थी। गौतम बुद्ध मानते हैं कि मैत्री के मोगरों की महक से ही संसार में सद्भाव का सौरभ फैल सकता है। वे कहते हैं कि बैर से बैर कभी नहीं मिटता। अबैर से मैत्री से ही बैर मिटता है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com