शंख की मदद से आप कर सकतें है वास्तु दोष को दूर, जाने...
By: Ankur Fri, 15 Dec 2017 9:13:42
समुद्र मंथन के समय कई रत्नों की प्राप्ति हुई थी जिसमें से एक शंख भी था। शंख का हिन्दू पाठ-पूजा में बहुत बड़ा महत्व हैं। माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु ने भी अपने हाथों में शंख धारण कर रखा हैं। शंख का धार्मिक महत्व के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी हैं, जिसमें यह मानना हैं कि सूर्य की किरणें निस्तेज हो उस समय शंख बजाने से वहाँ का वातावरण और पर्यावरण शूद्ध रहता हैं। वास्तु शास्त्र में माना गया है कि शंख से घर में उपस्थित कई वास्तुदोषों को दूर किया जा सकता हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे है किस तरह दूर करें शंख से वास्तुदोष।
* ऐसी मान्यता है कि जिस घर में शंख होता है वह लक्ष्मी का वास होता है शंख लक्ष्मी की तरह शांति सागर से ही उत्पन्न हुआ है शंख की गिनती समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में होती है।
* शंख की ध्वनि जहां तक पहुंचती हैं वहां तक की वायु शुद्ध और उर्जावान हो जाती है। वास्तु विज्ञान के अनुसार सोयी हुई भूमि भी नियमित शंखनाद से जग जाती है। भूमि के जागृत होने से रोग और कष्ट में कमी आती है तथा घर में रहने वाले लोग उन्नति की ओर बढते रहते हैं। भगवान की पूजा में शंख बजाने के पीछे भी यह उद्देश्य होता है कि आस-पास का वातावरण शुद्ध पवित्र रहे।
* जिस घर में शंख रखा होता है, वहां हर तरफ पॉजिटिविटी होती है। शास्त्रों में अनुसार, जिस घर के पूजा स्थल में देवी लक्ष्मी के साथ शंख की स्थापना भी की जाती है और नियमित इसकी पूजा करनी चाहिए, वहां देवी लक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं। ऐसे घर में धन संबंधी परेशानी कभी नहीं आती है।
* मान्यता है कि छोटे-छोटे बच्चों के शरीर पर छोटे-छोटे शंख बाँधने तथा शंख में जल भरकर अभिमंत्रित करके पिलाने से वाणी-दोष नहीं रहता है तथा बच्चा स्वस्थ रहता है और पुराणों में उल्लेख मिलता है कि मूक एवं श्वास रोगी हमेशा शंख बजायें तो बोलने की शक्ति पा सकते हैं।
* रूक-रूक कर बोलने व हकलाने वाले यदि नित्य शंख के जल का पान करें तो उन्हें आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा दरअसल ये मूकता व हकलापन दूर करने के लिए शंख-जल एक महौषधि है।
* अगर आपको खांसी, दमा, पीलिया, ब्लडप्रेशर या दिल से संबंधित मामूली से लेकर गंभीर बीमारी है तो इससे छुटकारा पाने का एक सरल-सा उपाय है - शंख बजाइए और रोगों से छुटकारा पाइए। शंखनाद से आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा का नाश तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। शंख से निकलने वाली ध्वनि जहां तक जाती है वहां तक बीमारियों के कीटाणुओं का नाश हो जाता है।
* चूंकि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु, दोनों ही अपने हाथों में शंख को धारण करते हैं लिहाजा शंख को बेहद शुभ माना जाता है साथ ही ऐसी मान्यता है कि इस घर में शंख होता है वहां लक्ष्मी का वास होता है और दिनों दिन उन्नति होती है।