देर से शादी किसी के लिए आजादी, किसी के लिए बरबादी

By: Kratika Maheshwari Wed, 21 June 2017 08:30:27

देर से शादी किसी के लिए आजादी, किसी के लिए बरबादी

आज के इस प्रतियोगी और कॅरियर केंद्रित दुनिया में हर व्यक्ति पहले अपने कॅरियर और सुदृृढ आर्थिक स्थिति को प्राथमिकता देता है। ऐसे में विवाह की उम्र बहुत देर से आती है।

देरी से विवाह के कारणः

कई बार युवक युवतियां अपने जीवनसाथी को लेकर इतनी अपेक्षाएं और आशाएं रखते हैं कि वे कई अच्छे रिश्तों को ठुकराते चले जाते है जिस से विवाह में देरी हो जाती है। कई आधुनिक युवक-युवतियां विवाह को गैरजरूरी मानते हैं। वे इसे एक बंधन मानते हैं। वे इसे एक बंधन मानते है। वे सोचते है कि विवाह के बंधन में बिना बंधे बिना भी वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। उनकी यही सोच उन्हें विवाह के बंधन में बंधने की सही उम्र से दूर ले जाती है। कई बार घर परिवार की जिम्मेदारियों के कारण भी विवाह में देरी हो जाती है।

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संबंधों में असहजता:
बडी उम्र में शादी करने के कारण तो बहुत है, लेकिन उनकी अपेक्षाएं , उनका एक-दूसरे पर विश्वास, उम्र के साथ बढती परिपक्वता के तहत वह अपने पाटर्नर में परफेक्टनैस को ढूंढते हैं और थोडी सी कमी उनके रिश्तों में असहजता ला देती है।

हमारे आसपास बडी उम्र में वैवाहिक बंधनों में बंधने वाले अनेक युवक-युवतियां मिलते हैं, जिन्हें एक-दूसरे को संदेह की नजर से देखते हैं। दोनों अपनी लंबी अविवाहित जिंदगी में इतना कुछ अनुभव कर चुके होते हैं कि उन्हें एक दूसरे में नया कुछ अनुभव नहीं हो पाता।उनका उद्देश्य इस रिश्ते को निभाना मात्र होता है।

मगर सार ये है कि चाहे कुछ भी हो भारतीय संदर्भ में समाज और परिवार निर्माण की पहली कडी है। किसी की जल्दी और किसी की देर से, शादी का लड््डू चखना अनिवार्य अधिकतम सबके लिए है।

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