समझें दिल के ईशारे
By: Kratika Mon, 03 July 2017 2:52:45
दिल में कुछ खराबी हो तो धडकनें पहले ही बता देती हैं। इसके अन्य ईशारे भी हैं, जिन्हें समझना जरूरी है। सीने में दर्द या थोडी सी मेहनत से हांफना-वैसे तो आम परेशानियां हैं, लेकिन अगर ये थोडा चलने पर, फिर बैठे-बैठे या आराम की स्थिति में भी महसूस हो तो चेतना जरूरी है। ये धमनियों में रूकावट की वजह से हो सकता है। इस पर ध्यान ना दिया जाए तो यह हार्ट अटैक जैसी जानलेवा आशंका को बढाता है। ऐसे में जरूरत है सिर्फ समय पर इसके लक्षणों को पहचानने की, ताकि उपयुक्त ईलाज कर जीवनशैली में कुछ बदलाव कर हार्ट की बिमारीयों से बचा जा सके।
धमनियों में रक्त क्यों रूकता है?
ज्यादा कोलेस्ट्राॅल, फैट आदि की वजह से धमनियों की अंदरूनी दीवारों में प्लेक बनने लगता है। इससे रक्त के बहने की जगह कम हो जाती है और दिल की मांसपेशियों तक रक्त ना पहुंचने से स्ट्राॅक का खतरा बढ जाता है। इससे अगर अचानक हार्ट की धमनियों में खून का थक्का जम जाए, जो हार्टअटैक होने की संभावना बढ जाती है।
जब उठे सीने में दर्द
आमतौर पर सीने में दर्द कभी भी किसी भी कारण , जैसे कि पेशियों में सिकुडन, संास नली में संक्रमण, अल्सर, एसिडिटी आदि से हो सकता है। लेकिन दर्द अगर सीने के बीचों-बीच हो और साथ में पसीना आए, धडकन बढ जाए, उल्टी आए और घबराहट या सांस लेने में दिक्कत हो तो समझ लीजिए कि डाॅक्टर को दिखाने की जरूरत है। ये लक्षण धमनियों के ब्लाॅकेज से सम्बन्धित है, जो भविष्य में हार्ट अटैक का खतरा बढाते हैं।
सांस ना ले पाना
सांस लेने में परेशानी या हवा की कमी महसूस होना भी ब्लाॅकेज का लक्षण है। धमनियों के पूरे खुले ना होने से हार्ट बाॅडी की आवश्यक रक्त की मांग पूरी नहीं कर पाता, जिससे थकान व सांस लेने में परेशानी महसूस होती है। इस तरह के हार्ट अटैक में व्यक्ति की मृृत्यु की संभावना सबसे अधिक होती है।
सारी बातों का एक सार है कि दिल से सभी चाहते है कि दिल दुरूस्त रहे। फिर भी दिल के रोगियों की संख्या 20 लाख तक पहुंचने वाली है। ऐसे में जरूरी है कि आने वाले खतरों को नजरअंदाज ना करें और कोई भी तकलीफ होने पर डाक्टर को जरूर दिखाए।