महिलाओं में भी होती है सेक्स की हवस, तोड़ देती है सारी हदें
By: Ankur Fri, 02 Nov 2018 10:00:20
अक्सर माना जाता है कि सेक्स की तीव्र इच्छा सिर्फ पुरुषों में होती हैं, जिसके चलते वे साड़ी हदें तोड़ देते हैं और सेक्स पर ध्यान देते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि महिलाओं में भी सेक्स की तीव्र इच्छा होती है और वे अत्यधिक कामुक व्यवहार करती हैं। आज हम आपको इससे जुडी एक रिसर्च के बारे में बताने जा रहे हैं।
डू क्यूबेक ए ट्रोइस-रिविरिस विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर क्रिस्टीन जोयाल का कहना है, ‘सच यह है कि महिलाओं ने शोध के दौरान हमें बताया कि उनकी विविध यौन रुचियां हैं और वे अपने यौन जीवन से बेइंतहा संतुष्ट हैं। इसलिए सेक्स में सारी हदें तोड़ना कोई असामान्य व्यवहार नहीं है।’
लोगों की यौन रुचियों को दो श्रेणियों में बांटा जाता है एक सामान्य जिसे नॉर्मोफिलिक कहते हैं और दूसरा विलक्षण जिसे पैराफिलिक कहा जाता है। जोयल कहती है, ‘इस सर्वेक्षण से हमें पता चला है कि वास्तविकता में पैराफिलिक व्यवहार काफी सामान्य है। अत: हमें सामान्य यौन व्यवहार का वर्गीकरण और उसके लिए कानून बनाने से पहले समझना होगा कि कई पैराफिलिक रूझान लोगों में काफी आम है और यह न सिर्फ उनकी यौन परिकल्पनाओं में लक्षित होती है बल्कि उनकी इच्छा और व्यवहार में भी यह शामिल है।’
यह शोध इंस्टीट्यूट फिलिप्पे-पिनल जे मांट्रियल और इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटायरे एन सांते मेंटाले डे मांट्रियल की जोयल और जूली कारपेंटियर ने मिलकर किया, जो मांट्रियल विश्वविद्यालय से संबंद्ध है। इसमें क्यूबेक के 1,040 निवासियों ने भाग लिया।
शोध : पोर्न देखने से आती है सेक्स में प्रॉबल्म्स, क्या है इसके पीछे का सच
आज के समय में पोर्न देखने का चलन बहुत बढ़ गया हैं। हांलाकि इससे सेक्स में बहुत कुछ सीखने को मिलता है लेकिन इसकी लत व्यक्ति की सेक्स लाइफ को भी बर्बाद कर सकती हैं। इसके कई दुष्प्रभाव भी होते हैं। आज हम आपको एक रिसर्च के नतीजे बतामने जा रहे हैं, जो बताती है कि किस तरह से ज्यादा पोर्न देखना आप पर बुरा प्रभाव डाल रहा हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
शोध के निष्कर्षो से पता चला है कि किशोर जिनकी पहुंच पोर्न तक होती है, उनमें लिंगभेदी और महिलाओं के ऊपर प्रभुत्व स्थापित करने का रवैया विकसित होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसा शोधकर्ताओं का कहना है। शोध के निष्कर्षो से पता चला है कि किशोरों तक पोर्न की पहुंच से उनमें महिलाओं के ऊपर प्रभुत्व स्थापित करने का रवैया विकसित होता है, जबकि वृद्ध पुरुषों में संकीर्णता से जुड़ा होता है।
अमेरिका के नेब्रासका विश्वविद्यालय के शोधार्थी अलसा बिसमन का कहना है, “हमने पाया है कि जितनी कम उम्र में किशोर पोर्न देखता है, उसमें महिलाओं पर प्रभुत्व स्थापित करने का रवैया उतना ज्यादा विकसित होता है।” बिसमन का कहना है, “शुरुआती उम्र में ही पोर्न देखने वाले पुरुष की जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, उसका रवैया यौन उच्छृंखलता वाला होता जाता है।”
इस अध्ययन को वाशिंगटन में अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के 125वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में प्रस्तुत किया गया। शोध दल ने इसके लिए 17 से 54 साल की उम्र के 330 अंडरग्रैजुएट पुरुषों का अध्ययन किया। इस समूह के पुरुषों की पोर्न देखने की औसत उम्र 13.37 साल थी, जबकि पोर्न देखने की सबसे कम उम्र एक ने 5 साल बताई और सबसे ज्यादा उम्र एक ने 26 साल बताई।
ज्यादातर पुरुषों ने माना कि पोर्न से उनका पहला वास्ता आकस्मिक (43.5 फीसदी) था, जबकि जानबूझकर पहली बार पोर्न देखने वाले 33.4 फीसदी थे और जिन्हें जबरदस्ती पोर्न दिखाया गया वे 17.2 फीसदी थे। 6 फीसदी प्रतिभागियों ने यह जानकारी नहीं दी कि पहली बार उन्होंने किस तरह से पोर्न देखा था।
शोध की सहलेखिका चेरिसी रिचर्ड्सन के मुताबिक शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि पोर्न देखने से हेट्रोसेक्सुअल पुरुषों (विपरीत लिंग से संबंध बनाने वाले पुरुष) के विचारों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है, खासतौर से सेक्स भूमिकाओं के बारे में उनके विचार ज्यादा प्रभावित होते हैं।
इस अध्ययन में पुरुषों के पोर्न देखने से उनके व्यवहार पर हुए असर के बारे में अधिक जानने से महिलाओं को यौन दुव्यर्वहार से बचाने के प्रयासों को मदद मिलेगी। रिचर्डसन का कहना है कि इस अध्ययन से पोर्नग्राफी देखने वाले हेट्रोसेक्सुअल युवाओं के विभिन्न भावनात्मक और सामाजिक मुद्दों के इलाज में मदद मिलेगी।