सुहागरात के दिन ऐसा हो ही, जरूरी तो नहीं
By: Ankur Mon, 10 Sept 2018 12:19:33
शादी के बाद सुहागरात का दिन हर पति-पत्नी के लिए बहुत मायने रखता हैं। यह वह दिन होता हैं जब उन्हें समाज की तरह से एक-दूसरे के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने की रजामंदी मिल जाती हैं। लेकिन इस सुहागरात से जुड़े कई रीती-रिवाज भी जिसमें से एक है बिस्तर पर सफ़ेद चद्दर लगाना, ताकि लड़की को ब्लीडिंग हो तो उसकी वर्जिनिटी का पता लगाया जा सकें। हांलाकि जरूरी नहीं हैं कि वर्जिन लड़की को सुहागरात पर ब्लीडिंग हो ही। आइये जानते है इसके बारे में।
लोग आज भी यही मानते हैं कि पहली बार सेक्स करने में लड़की को ब्लीडिंग होनी चाहिए तभी माना जाता है वो कुंवारी है। तो आपको बता दें, सेक्सोलाजिस्ट के अनुसार पहली बार सेक्स के दौरान ब्लीडिंग का होना कोई महत्वपूर्ण नहीं है। इस बात पर आप किसी भी लड़की की वर्जिनिटी का पता नहीं कर सकते बल्कि ये पूरी तरह से गलत होता है। अगर आप आज के ज़माने में जी रहे हैं तो इस भ्रम को अपने दिमाग से निकल दें कि लड़की को ब्लीडिंग होना जरुरी है।
स्त्रियों के वेजाइना के उपरी हिस्से में एक पतली सी टिशु की परत होती है जिसे हाइमन कहते हैं। सेक्स के कारण जब ज़ोर पड़ता है तो उससे ये टूट जाती है जिसके कारण ब्लीडिंग होती है।
इतना ही नहीं, हाइमन की भाग इतनी पतली होती है कि किसी भी वजह से टूट सकती है, सेक्स ही जरुरी नहीं है।लड़कियां हर कार्य में आगे हैं चाहे वो स्पोर्ट्स हो या साइकिलिंग करना या फिर घुड़सवारी करना। इससे बही हाइमन टूट जाती है। सेक्स से ही हाइमन फटेगी ये जरुरी नहीं है।