गुजरात: मिली दुर्लभ प्रजाति की मकड़ी, 15वीं सदी के इस विख्यात कवि पर रखा गया नाम

By: Priyanka Maheshwari Sat, 12 Feb 2022 7:06:43

गुजरात: मिली दुर्लभ प्रजाति की मकड़ी, 15वीं सदी के इस विख्यात कवि पर रखा गया नाम

गुजरात के जूनागढ के गिरनार वन्य जीव अभ्यारण में एक दुर्लभ प्रजाति की मकड़ी खोजी गई है। मकड़ी का नाम 15वीं सदी के विख्यात संत कवि नरसिंह मेहता के नाम पर नरसिंह मेहता रखा गया है। मकड़ी की खोज भक्त कवि नरसिंह मेहता यूनिवर्सिटी की एक पीएचडी की छात्रा ने की है। मकड़ी की जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ जतिन रावल ने कहा कि मकड़ियों की लगभग 49,000 प्रजातियां मौजूद हैं और अब इसमें एक और अतरिक्त नाम जुड़ गया है।

gujarat,spider,new species of spider

आपको बता दें कि संत कवि नरसिंह मेहता अपनी प्रसिद्ध कविता ‘वैष्णव जन तो तेने कहिये’ के लिए जाने जाते हैं। नरसिंह मेहता जूनागढ़ के रहने वाले थे। यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने कहा कि यही वजह थी कि मकड़ी का नाम संत कवि के नाम पर रखा गया।

2017 में प्रकाशित शोध पत्र में कहा गया है ‘स्पाइडर्स ऑफ गुजरात: ए प्रिलिमिनरी चेकलिस्ट’ अब तक 169 प्रजातियों के तहत 415 तरह की मकड़ी की प्रजातियां मिल चुकी हैं जिसमें गुजरात से मकड़ियों के कुल 40 परिवारों की जानकारी सामने आई है। इनमें से कुल 39 ऐसे प्रजातियां है जो गुजरात के लिए स्थानीय है। इसका साफ तौर पर यह मतलब है कि ये प्रजातियां सिर्फ गुजरात में ही पाई जाती हैं। इसके अलावा जबकि 150 प्रजातियां भारत में और 26 दक्षिण एशिया में पाई जाती हैं।

gujarat,spider,new species of spider

मकड़ी आर्थ्रोपोडा संघ का कीड़ा है। इसका शरीर दो भागों में बटा होता है जिसमें एक भाग शिरोवक्ष और दूसरा भाग उदर कहलाता है। इनके पेट में एक थैली होती जिसमें एक चिपचिपा पदार्थ मौजूदा रहता है। मकड़ियां इसी पदार्थ से जाल बुनती हैं।

ये भी पढ़े :

# डायनासोर भी परेशान रहते थे छींक-खांसी और बुखार से, स्टडी में सामने आई चौकने वाली बात

lifeberrys हिंदी पर देश-विदेश की ताजा Hindi News पढ़ते हुए अपने आप को रखिए अपडेट। Viral News in Hindi के लिए क्लिक करें अजब गजब सेक्‍शन

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com