अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राम मंदिर परिसर की पहली मंजिल पर स्थित ‘राम दरबार’ को आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया है। यह वही स्थान है, जहां प्रभु श्रीराम अपने पूरे राजसी स्वरूप में माता सीता, भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और भक्त हनुमान के साथ विराजमान हैं। भव्य मूर्तियों से सुसज्जित यह दरबार अब देशभर से आने वाले रामभक्तों के लिए आध्यात्मिक आकर्षण का नया केंद्र बन गया है।
रातों-रात हुआ फैसला, पहले दिन सीमित दर्शन
राम दरबार को आमजन के लिए खोलने का निर्णय शुक्रवार देर रात श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की बैठक के बाद लिया गया। चूंकि निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू किया गया था, इसलिए पहले दिन दर्शन के लिए दो ही स्लॉट तय किए गए – शाम 5 से 7 और 7 से 9 बजे तक। इन दो स्लॉट्स में श्रद्धालुओं को सीमित पास जारी किए गए, जिनमें 150 ‘स्पेशल दर्शन’ और 75 ‘सुगम दर्शन’ पास वितरित किए गए।
आगे से हर दिन मिलेंगे छह स्लॉट
ट्रस्ट और प्रशासन ने तय किया है कि आने वाले दिनों में दर्शन के लिए प्रतिदिन छह स्लॉट निर्धारित किए जाएंगे:
—सुबह 7:00 से 9:00 बजे
—सुबह 9:00 से 11:00 बजे
—दोपहर 1:00 से 3:00 बजे
—दोपहर 3:00 से 5:00 बजे
—शाम 5:00 से 7:00 बजे
—रात 7:00 से 9:00 बजे
प्रत्येक स्लॉट में कुल 300 दर्शनार्थियों को प्रवेश मिलेगा, जिनमें से 150 पास प्रशासन द्वारा और 150 पास श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा वितरित किए जाएंगे। ये पास भी दो श्रेणियों में बांटे जाएंगे – ‘स्पेशल दर्शन’ के लिए 100 और ‘सुगम दर्शन’ के लिए 50।
राम दरबार की स्थापना और महत्व
राम मंदिर परिसर की पहली मंजिल पर स्थित राम दरबार का अभिषेक एवं प्राण-प्रतिष्ठा 5 जून 2025 को हुई थी। इस अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सात मंदिरों का एक साथ शुद्धिकरण और स्थापना संस्कार सम्पन्न हुआ था। यह दरबार प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक के राजसी रूप को दर्शाता है, जिसमें वे अपने परिवार के साथ राज सिंहासन पर आसीन हैं। यहां की मूर्तियां जयपुर के कलाकारों द्वारा विशेष रूप से निर्मित की गई हैं, जो अद्वितीय शिल्प और आध्यात्मिक भावनाओं से ओतप्रोत हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी ने दी बधाई
राम दरबार के उद्घाटन और दर्शन व्यवस्था के लागू होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए इस ऐतिहासिक क्षण को गौरवपूर्ण बताया। उन्होंने श्रीराम से सभी के सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए इसे "रामराज्य की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम" बताया।
ट्रस्ट की अपील: व्यवस्था बनाए रखें, श्रद्धा के साथ दर्शन करें
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपील की है कि श्रद्धालु दर्शन के समय मंदिर प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। साथ ही निर्धारित स्लॉट के अनुरूप दर्शन करें ताकि व्यवस्था बनी रहे और हर श्रद्धालु को सुगमता से भगवान राम के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो सके।
राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण
राम दरबार का आम जनता के लिए खुलना न सिर्फ एक धार्मिक पहल है, बल्कि सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह न केवल अयोध्या को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाएगा, बल्कि पूरे देश में रामभक्ति की भावना को और भी व्यापक रूप में फैलाएगा।