
गोरखपुरवासियों और बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। बर्ड फ्लू के कारण बंद पड़ा शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान यानी गोरखपुर चिड़ियाघर अब फिर से लोगों के लिए खोल दिया गया है। इस खबर से उन परिवारों के चेहरे खिल उठे हैं जो अपने बच्चों के साथ इस जगह की सैर को मिस कर रहे थे। इस चिड़ियाघर को बंद हुए पूरे 55 दिन हो चुके थे और अब आखिरकार यह फिर से अपनी रंगत में लौट आया है। बीते तीन महीनों में यहां पांच जानवरों की मौत हुई थी, जिससे चिंता का माहौल बन गया था। बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद यह कदम एहतियातन उठाया गया था। स्थानीय, राज्य और केंद्र की टीमों द्वारा जांच और निगरानी के बाद अब इसे फिर से खोल दिया गया है। अब चिड़ियाघर हर दिन सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहेगा।
लंबी जांच प्रक्रिया के बाद मिली हरी झंडी
चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव ने बताया कि चिड़ियाघर को खोलने का निर्णय कोई जल्दबाजी नहीं थी। इसके लिए बाकायदा 26 मई और 22 जून को दो बार में कुल 56 नमूने जांच के लिए भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान को भेजे गए। रिपोर्ट क्रमशः 12 जून और 4 जुलाई को आई, जिसमें सभी नमूने नेगेटिव पाए गए। इसके आधार पर भारत सरकार के पशुपालन एवं मत्स्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार 8 जुलाई 2025 को चिड़ियाघर को दोबारा खोलने की अनुमति दी गई।
कैसे फैला था बर्ड फ्लू और क्या कदम उठाए गए
14 मई को चिड़ियाघर में तीन जानवरों की मौत हुई थी। रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद चिड़ियाघर को तत्काल बंद कर दिया गया। इसके बाद केवल जानवर ही नहीं, बल्कि चिड़ियाघर के कर्मचारियों और अधिकारियों की भी जांच की गई। खबर फैलने के बाद 31 मई को शहर के कई पोल्ट्री विक्रेताओं की दुकानें और औजार भी सील कर दिए गए। बाजार से लिए गए सैंपलों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आने पर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई कर मुर्गों को नष्ट करवाया और बाजार को सैनिटाइज किया।
बाघिन की मौत और कर्मचारियों की जांच ने बढ़ाया था तनाव
बाघिन ‘शक्ति’ की बर्ड फ्लू से मौत ने सबको चौंका दिया था। इसके बाद चिड़ियाघर के 105 अधिकारियों और कर्मचारियों के सैंपल लिए गए और सभी को क्वारंटीन किया गया। इसके साथ ही पूरे प्राणी उद्यान को सैनेटाइज भी किया गया था। इसी के तहत 14 मई से 7 जुलाई तक चिड़ियाघर पूरी तरह बंद रखा गया।
अब भी बरती जा रही है सावधानी
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि चिड़ियाघर खोलने के बाद भी सभी जानवरों और पक्षियों की गहन निगरानी जारी है। भीषण गर्मी और मौसम के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए चिकित्सकों की टीम लगातार सतर्क बनी हुई है।














