
राजस्थान के करौली जिले में रविवार शाम एक रोमांचक और डरावनी घटना सामने आई, जब तीन दोस्त मौत के मुंह से लौट आए। महाराजपुरा वन क्षेत्र के चौहान का नाला इलाके में टाइगर T-80 ‘तूफान’ ने अचानक बाइक सवार युवकों पर हमला कर दिया। लेकिन युवकों की हिम्मत और सूझबूझ के चलते एक बड़ा हादसा टल गया।
बारात में जा रहे थे, सामने आ गया बाघ
महाराजपुरा गांव के रहने वाले तीन युवक — गिरधारी माली (बाइक चालक), हरीओम चौधरी (बीच में बैठे) और महेश योगी (पीछे बैठे) — सवाई माधोपुर के खंडार इलाके में एक बारात में शामिल होने जा रहे थे। बस छूट जाने के कारण उन्होंने एक ही बाइक से सफर जारी रखा। जैसे ही वे चौहान का नाला क्षेत्र से गुजरे, झाड़ियों के भीतर छिपा टाइगर T-80 ‘तूफान’ अचानक सड़क पर आ धमका। यह वही बाघ है, जो पिछले कुछ दिनों से इसी इलाके में घूमता हुआ देखा जा रहा था।
टाइगर ने बाइक सवार पर झपटा
टाइगर ने एक पल में झपट्टा मारा और बाइक के पीछे बैठे महेश योगी पर पंजे से हमला कर दिया। उसके पंजे की मार से महेश की पीठ पर गहरी खरोंचें आ गईं। पीछे बैठे दोनों युवक दहशत में आ गए, लेकिन बाइक चला रहे गिरधारी माली ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने बताया — “जब बाघ सामने आया, तो मेरी सांसें थम गईं, लेकिन मैंने बाइक की रफ्तार और बढ़ा दी। डर के बावजूद मैंने तीन किलोमीटर तक पीछे मुड़कर नहीं देखा।” गिरधारी की समझदारी और तेज़ी से चलाने की वजह से तीनों की जान बच सकी।
"पहली बार बाघ देखा, जान निकल गई थी"
हमले में घायल महेश योगी ने कहा — “जीवन में पहली बार बाघ देखा था। जब उसने पंजा मारा, तो लगा कि अब बचना नामुमकिन है। कैसे जान बची, आज तक समझ नहीं आ रहा।” लोगों ने तुरंत उन्हें बालेर अस्पताल पहुँचाया, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सवाई माधोपुर रेफर किया गया। फिलहाल महेश योगी खतरे से बाहर हैं और छुट्टी मिल गई है।
वन विभाग की टीम पहुँची मौके पर
घटना की जानकारी मिलते ही महाराजपुरा के वनपाल राजेश जाट और उनकी टीम तुरंत मौके पर पहुँची। उन्होंने आसपास के क्षेत्र में टाइगर के पदचिन्ह मिलने की पुष्टि की। वन विभाग ने सुरक्षा बढ़ा दी है और इलाके में गश्त और निगरानी बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं ताकि किसी और घटना को रोका जा सके।














