
देश में पिछले एक महीने से मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान चल रहा है। इस पहल की शुरुआत सबसे पहले बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले की गई थी। इसके दूसरे चरण में अब बिहार के बाद भारत के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची की गहन समीक्षा की जा रही है। यह अभियान 4 नवंबर से शुरू होकर 4 दिसंबर तक चलेगा। इसके बाद 9 दिसंबर को ड्राफ्ट लिस्ट प्रकाशित की जाएगी और 14 फरवरी को अंतिम वोटर लिस्ट सभी संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जारी की जाएगी।
12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR अभियान
दूसरे चरण में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के साथ-साथ पुदुचेरी, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में भी मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जा रहा है। इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राजस्थान ने अब तक सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है।
राजस्थान ने बनाया रिकॉर्ड
राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने जानकारी दी कि निर्धारित समय से पहले ही 99.5% गणना पूरी हो चुकी है। राज्य में कुल 5.46 करोड़ गणना प्रपत्रों में से 5.43 करोड़ से अधिक फॉर्म अब चुनाव आयोग की वेबसाइट (eci.gov.in) पर अपलोड किए जा चुके हैं।
राज्य के बाड़मेर, सलूंबर, बालोतरा, झालावाड़, फलौदी, भरतपुर, चूरू, दौसा और बारां जिलों में 100 प्रतिशत डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है। इस तरह, राजस्थान ने न केवल समय पर कार्य पूरा किया, बल्कि दक्षता में भी दूसरों से आगे निकला।
देशव्यापी मतदाता सत्यापन
12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे व्यापक मतदाता सत्यापन अभियान में अब तक 99.83% यानी 50.88 करोड़ से अधिक मतदाताओं तक फॉर्म पहुंचाए जा चुके हैं। चुनाव आयोग की ताजा जानकारी के अनुसार, देशभर में 47.5 करोड़ से अधिक एन्यूमरेशन फॉर्म (EF) का डिजिटलाइजेशन संपन्न हो चुका है, जो कुल का 93% से अधिक है।
मतदाता मानचित्रण में भी राजस्थान अव्वल
मतदाता मैपिंग (Voter Mapping) में भी राजस्थान देश में अग्रणी है। राज्य में कुल मिलाकर 95% से अधिक मानचित्रण पूर्ण हो चुका है। विशेष रूप से, कपासन, बायतु, सलूंबर, लोहावट, नगर, सीकरी, ओसियां, शाहपुरा और बामनवास विधानसभा क्षेत्रों में 99% मैपिंग पूरी हो चुकी है।
कपासन विधानसभा क्षेत्र सबसे आगे है, जहाँ 2.73 लाख मतदाताओं में से 99.46% की मैपिंग संपन्न हो गई है। इसका मतलब है कि अब केवल लगभग 1,500 मतदाताओं को ही संशोधन प्रक्रिया के दौरान दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता है।














