
अजमेर जिले के पुष्कर क्षेत्र में उस समय हलचल मच गई जब यहां पहली बार विलुप्तप्राय प्रजाति के कश्मीरी गिद्ध (हिमालयन ग्रिफॉन वल्चर) को देखा गया। विशाल आकार वाले इस पक्षी की मौजूदगी की जानकारी मिलते ही वन विभाग सक्रिय हो गया और कोबरा टीम के साथ मिलकर इसे सुरक्षित बचाया गया।
अचानक दिखा विशाल पंखों वाला पक्षी
पीसांगन इलाके के स्थानीय निवासियों ने चार–पांच दिनों से एक बड़े आकार के पक्षी को उड़ते और आसपास बैठते देखा था। लोगों में भय था कि कहीं यह किसी को नुकसान न पहुंचा दे। इस वजह से कई परिवार तो दोपहर की धूप में छत पर बैठने से भी बच रहे थे। चिंतित ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी।
सूचना मिलने के बाद उपवन संरक्षक बाला मुरुगन ने तत्काल रेस्क्यू टीम तैयार करने के निर्देश दिए। पुष्कर रेंज के रेंजर मानसिंह और कोबरा टीम के संस्थापक सुखदेव भट्ट के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची और गिद्ध को सुरक्षित काबू कर लिया।
अजमेर में पहली बार दिखा ऐसा गिद्ध
सुखदेव भट्ट ने बताया कि अजमेर में इस तरह के गिद्ध का मिलना बेहद दुर्लभ है। उन्होंने कहा कि यह विशाल पक्षी हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है और यहां पहुंचना संभवतः तेज हवाओं या दिशा भटकने का परिणाम हो सकता है। इसकी लंबाई लगभग ढाई फीट है और पंखों का फैलाव करीब छह फीट तक जाता है। वजन भी करीब 15 किलो के आसपास है, जो इसे और अधिक प्रभावशाली बनाता है।
रेस्क्यू के बाद उसे सुरक्षित रूप से पुष्कर वन रेंज कार्यालय ले जाया गया, जहां उसका स्वास्थ्य परीक्षण और देखभाल की जा रही है। हालांकि वह फिलहाल थोड़ा शांत और असहज दिखाई दे रहा है, आगे की कार्रवाई वन विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देशों के आधार पर होगी।
वन्यजीव संरक्षण में कोबरा टीम का योगदान
भट्ट ने कहा कि वन विभाग लगातार उनकी संस्था को वन्यजीव संरक्षण के लिए अवसर प्रदान करता रहा है। सरकार द्वारा टीम सदस्यों को “वनमित्र” की उपाधि मिलना भी उनके लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है।
स्थानीय लोगों की समय रहते मिली सूचना और वन विभाग-कुबरा टीम के संयुक्त प्रयास से यह दुर्लभ कश्मीरी गिद्ध अब सुरक्षित है और उसकी देखभाल की जा रही है।














