
राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क से वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बार फिर खुशखबरी सामने आई है। यहां मशहूर बाघिन टी-107 ‘सुल्ताना’ ने दो शावकों को जन्म दिया है, जिससे पार्क में बाघों के कुनबे में और इजाफा हुआ है। हाल ही में बाघिन सुल्ताना को अपने नन्हे शावकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हुए देखा गया, जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं। यह दृश्य मिश्रदर्रा के पास के क्षेत्र का बताया जा रहा है, जहां सुल्ताना अपने शावकों को मुंह में दबाकर सुरक्षित जगह की ओर शिफ्ट करती नजर आई।
बाघिन और शावकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने एहतियाती कदम उठाए। कुछ समय के लिए गणेश मंदिर मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया, ताकि किसी भी तरह की मानवीय हलचल से बाघिन को परेशानी न हो। रणथंभौर के डीएफओ मानस सिंह ने जानकारी दी कि जैसे ही बाघिन सुल्ताना अपने शावकों के साथ जंगल के अंदरूनी हिस्से की ओर बढ़ गई, उसके बाद मार्ग को फिर से खोल दिया गया। वन विभाग पूरी तरह सतर्क है और लगातार निगरानी की जा रही है।
गौरतलब है कि इसी वर्ष अप्रैल महीने में भी बाघिन सुल्ताना ने तीन शावकों को जन्म दिया था और उस समय वह चौथी बार मां बनी थी। नए शावकों के पिता के रूप में बाघ टी-101 ‘हैड्स’ का नाम सामने आ रहा है। सुल्ताना का मातृत्व इतिहास भी खासा चर्चा में रहा है। अपने पहले लिटर में उसने दो शावकों को जन्म दिया था, जिन्हें बाद में रणथंभौर में टी-138 और टी-139 के नाम से पहचाना गया।
दूसरे लिटर में भी सुल्ताना ने दो शावकों को जन्म दिया था, लेकिन दुर्भाग्यवश दोनों की मौत हो गई थी। तीसरे प्रसव में उसने एक नर और एक मादा शावक को जन्म दिया, जो फिलहाल पार्क में मौजूद हैं। अब पांचवीं बार मां बनी सुल्ताना के दो नए शावकों के आने से रणथंभौर में बाघ संरक्षण के प्रयासों को एक और बड़ी सफलता मिली है। वन विभाग को उम्मीद है कि ये शावक भी सुरक्षित रूप से बड़े होंगे और आने वाले समय में पार्क की जैव विविधता को और मजबूत करेंगे।














