
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए 6 दिसंबर (बाबरी विध्वंस दिवस) को प्रदेश के सभी विद्यालयों में शौर्य दिवस के रूप में मनाने का आदेश जारी किया है। शिक्षा एवं पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर ने शनिवार को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए। इसके तहत माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों को इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
स्कूलों में आयोजित होंगी विविध गतिविधियां
सरकार के नए आदेश के अनुसार, 6 दिसंबर को सभी स्कूलों में विद्यार्थियों और स्टाफ में देशभक्ति, शौर्य, वीरता, पराक्रम और राष्ट्रीय एकता की भावना जागृत करने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
इन गतिविधियों में शामिल होंगे:
भाषण और निबंध प्रतियोगिताएं: राम मंदिर आंदोलन और भारतीय संस्कृति के गौरव पर आधारित
चित्रकला और पोस्टर निर्माण: अयोध्या में राम मंदिर विषय पर
देशभक्ति गीत गायन और लोक नृत्य प्रदर्शन
लघु नाटिकाएं: भारतीय इतिहास के शौर्यपूर्ण क्षणों और राम मंदिर निर्माण से प्रेरित
प्रदर्शनी: शौर्यपूर्ण घटनाओं और राम मंदिर निर्माण से संबंधित चित्र, लेख और कलाकृतियां
शौर्य और देशभक्ति का महत्व विद्यार्थियों तक पहुंचाना
इसके अतिरिक्त, विद्यार्थियों के लिए सामूहिक सूर्य नमस्कार और अन्य योगाभ्यास, विशेष प्रार्थना सभा, और भगवान राम के भजन एवं आरती के साथ दिन की शुरुआत की जाएगी। विद्यालय परिसर में शौर्य यात्रा और जागरूकता मार्च का आयोजन भी किया जाएगा। सभी कार्यक्रमों में सैन्य अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और इतिहासज्ञ अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे, ताकि बच्चों में देशभक्ति और शौर्य की भावना और अधिक प्रबल हो।
शिक्षा मंत्री की अपील
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि भगवान राम भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष हैं। राम मंदिर आंदोलन भारतीय संस्कृति का गौरव है, जो विद्यार्थियों में देशभक्ति, वीरता, शौर्य और राष्ट्रीय एकता की भावना को जागृत करता है। मंत्री ने सभी विद्यालयों से अपील की कि वे 6 दिसंबर को शौर्य दिवस पूरे मनोयोग से मनाएं और विद्यार्थियों को राम मंदिर आंदोलन एवं भगवान राम के आदर्शों से अवगत कराएं, जिससे उनमें मातृभूमि के प्रति श्रद्धा और प्रेरणा उत्पन्न हो।














