
राजस्थान एटीएस ने बाड़मेर के रहने वाले मौलाना ओसामा उमर को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों का दावा है कि उमर अफगानिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का सदस्य है। इस मामले में उसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत हिरासत में लिया गया है।
गिरफ्तारी और प्रारंभिक जांच
ओसामा उमर की पहचान राजस्थान के सांचोर में काम करने वाले मौलाना के रूप में हुई। शनिवार को उसकी गिरफ्तारी से पहले चार अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया था। पांच दिन की प्रारंभिक पूछताछ के बाद बुधवार को उमर को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया गया। एटीएस ने बताया कि उमर अन्य चार संदिग्धों पर संगठन में शामिल होने का दबाव बनाने में शामिल था।
ओसामा पर आरोप है कि वह इंटरनेट कॉलिंग के जरिए टॉप आतंकवादी कमांडरों से संपर्क साधता था। बरामदगी के दौरान उसके पास से दो मोबाइल फोन भी मिले। प्रारंभिक जांच में फंडिंग या वित्तीय लेन-देन के सबूत नहीं मिले हैं। जांच में यह भी पता चला कि उमर अफगानिस्तान भागने की योजना बना रहा था।
युवाओं को जिहाद के लिए उकसाने का आरोप
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, ATS के अतिरिक्त महानिदेशक एमएन दिनेश ने बताया कि मौलाना अन्य लोगों को रेडिकलाइज़ करने का प्रयास कर रहा था, जिनका स्वयं किसी आतंकवादी नेटवर्क से कोई संपर्क नहीं था। उमर दुबई के रास्ते अफगानिस्तान भागने की योजना भी बना रहा था, लेकिन समय रहते उसे गिरफ्तार कर लिया गया। ATS इंस्पेक्टर जनरल विकास कुमार ने कहा कि उमर “जिहादी सोच” से प्रभावित था।
अन्य गिरफ्तार संदिग्ध
गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में मसूद, मोहम्मद अयूब, मोहम्मद जुनैद और बसीर शामिल हैं। उमर के अलावा बाकी सभी लोग भारत के बाहर किसी भी आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े नहीं थे। पूछताछ में शामिल पांच में से तीन संदिग्ध बाड़मेर के संवेदनशील सीमा क्षेत्र से थे।














