
अलवर: शहर के छठी मील क्षेत्र में तीन दिन पहले हुए भयावह सड़क हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत ने पूरे प्रशासन को झकझोर दिया है। इस दुखद घटना के बाद जिला प्रशासन अब सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपनाने जा रहा है। जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक ने मौके का निरीक्षण किया और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले में सड़क दुर्घटनाओं पर तत्काल नियंत्रण पाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
प्रशासन ने अब सड़क सुरक्षा को लेकर एक विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत तकनीक की मदद से जिले के दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों (ब्लैक स्पॉट्स) की पहचान की जाएगी। इन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और अन्य आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सड़क हादसों पर रोक लगाने के प्रयास किए जाएंगे। उद्देश्य है — आने वाले समय में दुर्घटनाओं के ग्राफ को घटाना और आम नागरिकों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शरण कांबले ने जानकारी दी कि तीन दिन पहले हुए हादसे में चार लोगों की मौत के बाद पुलिस ने दोषियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि मंगलवार से पूरे जिले में एक व्यापक “सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान” चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत उन इलाकों की पहचान की जाएगी, जहां बार-बार हादसे होते हैं। साथ ही, पूर्व में हुई बड़ी दुर्घटनाओं के रिकॉर्ड का विश्लेषण कर तकनीकी सहायता से सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक जिले के सभी प्रमुख ब्लैक स्पॉट पूरी तरह चिन्हित नहीं कर लिए जाते। इसके बाद, इन स्थानों पर सुरक्षा उपायों जैसे सीसीटीवी, स्पीड मॉनिटरिंग सिस्टम और चेतावनी साइन बोर्ड लगाने की योजना पर काम होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
गौरतलब है कि अलवर जिले में प्रशासन की पिछली रिपोर्ट के अनुसार कुल 33 ब्लैक स्पॉट पहले से पहचाने गए हैं। हालांकि, अब तक कार्रवाई इनकी पहचान तक सीमित रही है। प्रशासनिक बैठकों में इन पर चर्चा तो होती रही, लेकिन जमीनी सुधार की गति धीमी रही। अब यह नई पहल उम्मीद जगा रही है कि अलवर में सड़क सुरक्षा के प्रति ठोस कदम उठाकर दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा सकेगी।














