
12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हुई एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 को लेकर अब जांच में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। यह हादसा न सिर्फ टेक्निकल फॉल्ट की कहानी कहता है, बल्कि उन पलों की भी जो दिल को झकझोर देते हैं। जांच में सामने आया है कि बोइंग ड्रीमलाइनर विमान के पिछले हिस्से यानी टेल सेक्शन में सीमित इलेक्ट्रिक आग के संकेत मिले हैं। इस हिस्से को अपेक्षाकृत कम नुकसान हुआ है, लेकिन कुछ इलेक्ट्रिक पार्ट्स में आग लगने के संकेत इस ओर इशारा करते हैं कि उड़ान के दौरान बिजली आपूर्ति में कोई गंभीर गड़बड़ी हुई थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, टेल सेक्शन से मिले हिस्सों को अहमदाबाद में सुरक्षित रखा गया है और इन्हीं के ज़रिये यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बिजली प्रणाली में किस स्तर पर तकनीकी गड़बड़ी हुई थी।
ब्लैक बॉक्स की हालत और उसके अंदर का राज
विमान का पिछला ब्लैक बॉक्स बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत से बरामद हुआ था, लेकिन वह इतना ज़्यादा जल चुका था कि डेटा निकालना संभव नहीं हो सका। दूसरी ओर, आगे वाला ब्लैक बॉक्स 16 जून को मिला जिसमें 49 घंटे की उड़ान जानकारी, 6 उड़ानों का डेटा और हादसे से दो घंटे पहले तक की ऑडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित मिली। हादसे से पहले दिल्ली से अहमदाबाद आने वाली फ्लाइट AI-423 में STAB POS XDCR (Stabilizer Position Transducer) में खराबी दर्ज की गई थी, जिसे अहमदाबाद में ठीक किया गया। लेकिन इस कंपोनेंट की मौजूदगी उसी टेल सेक्शन में थी, जो अब जांच का प्रमुख हिस्सा बन चुका है।
टेल सेक्शन में मिला APU: एक महत्वपूर्ण कड़ी
Aircraft का Auxiliary Power Unit (APU), जो कि बैकअप पावर देता है और इंजन स्टार्ट में मदद करता है, भी टेल सेक्शन में ही पाया गया। आश्चर्य की बात यह है कि यह APU सुरक्षित और काम करने की स्थिति में मिला। हादसे के वक्त यह ऑटो-स्टार्ट मोड में सक्रिय हो गया था, जिससे संकेत मिलता है कि शायद मुख्य बिजली प्रणाली पूरी तरह फेल हो गई थी।
एकमात्र बचे यात्री की आंखोंदेखी
हादसे में ज़िंदा बचे एकमात्र यात्री, विश्वाशकुमार रमेश, ने बताया कि उड़ान के दौरान केबिन की लाइट बार-बार बंद हो रही थी। यह बयान उस तकनीकी खराबी की ओर इशारा करता है, जिसे अब जांच में प्राथमिकता दी जा रही है। क्रैश के 72 घंटे बाद टेल सेक्शन से एक फ्लाइट अटेंडेंट का शव बरामद हुआ। वे आग में नहीं जली थीं, बल्कि टक्कर की वजह से मौत हुई थी। उनकी पहचान साड़ी के बचे हुए हिस्सों से की गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ हुआ कि शरीर सड़ चुका था, जिसका कारण समय और अग्निशमन में उपयोग हुए रसायन थे। ब्लैक बॉक्स डेटा से यह भी सामने आया कि हादसे के कुछ सेकंड पहले दोनों इंजन में ईंधन की आपूर्ति अचानक बंद हो गई थी।
क्या पुराना इतिहास भी बना कारण?
आपको बता दें, 2013 में बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों को APU बैटरी में खराबी के कारण अस्थायी रूप से उड़ान से हटाया गया था। FAA की अनुमति के बाद जब इन्हें दोबारा उड़ान में शामिल किया गया, तो AI-171 भी उसी साल सेवा में आया था। अब एक बार फिर वही तकनीकी संदिग्धता इस हादसे की वजह बनती दिख रही है।














