महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी, बनेगा कानून, 2029 तक हो सकेगा लागू
By: Rajesh Bhagtani Fri, 29 Sept 2023 8:53:02
नई दिल्ली। महिला आरक्षण बिल जिसका नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम रखा गया था उसको राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। संसद के विशेष सत्र के दौरान यह विधेयक 20 सितंबर को लोकसभा और 21 सितंबर को राज्यसभा में पास हुआ था। ज्ञातव्य है कि किसी भी बिल के संसद से दोनों सदनों से पारित होने के बाद उसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाता है फिर वहां से हरी झंडी मिलने के बाद ही वह बिल कानून का रूप लेती है। जैसे ही यह कानून लागू किया जाएगा उसके बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पार्लियामेंट से पास होने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा था कि यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी कदम साबित होगी।दोनों सदनों में इस बिल पर व्यापक चर्चा हुई। चर्चा के बाद वोटिंग के समय ज्यादातर दलों ने इस बिल के समर्थन में वोट किया। लोकसभा में 20 सितंबर को हुई वोटिंग में इस बिल के पक्ष में 454 मत और विरोध में केवल दो मत पड़े। जबकि 21 सितंबर को राज्यसभा में जब इस बिल को पेश किया गया तो इसके पक्ष में 214 वोट पड़े और विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा।
Women’s quota Bill receives nod from President Droupadi Murmu, becomes law
— ANI Digital (@ani_digital) September 29, 2023
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2029 लोकसभा चुनाव तक हो सकेगा लागू
जानकारों
का कहना है कि महिला आरक्षण बिल को अभी भी लंबा सफर तय करना है। जनगणना और
परिसीमन के बाद महिला आरक्षण विधेयक साल 2029 के लोकसभा चुनाव तक ही लागू
हो सकेगा। 128वें संविधान संशोधन विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को अब
अधिकांश राज्य विधानसभाओं की मंजूरी की आवश्यकता होगी। इसे जनगणना के आधार
पर संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों को फिर से तैयार करने के लिए परिसीमन के
बाद लागू किया जाएगा। सरकार ने कहा है कि इस प्रक्रिया को अगले साल शुरू
किया जाएगा।