CAA को लेकर ऊँचे होने लगे विरोध के स्वर, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल के बाद अब केरल ने खोला मोर्चा

By: Rajesh Bhagtani Thu, 14 Mar 2024 9:58:22

CAA को लेकर ऊँचे होने लगे विरोध के स्वर, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल के बाद अब केरल ने खोला मोर्चा

कोच्चि। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर मोदी सरकार कुछ दिन पहले अधिघोषणा जारी कर चुकी है। घोषणा के साथ ही यह पूरे भारत में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। हालांकि सीएए को लेकर राज्यों में विरोध की लहर उठ रही है। विरोध को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने एक बयान में कहा है कि यह देश का कानून है और इसे किसी भी सूरत में वापस नहीं लिया जाएगा। नागरिकता प्रदान करने का काम केन्द्र का है राज्यों की इसमें कोई भागीदारी नहीं है।

वहीं दूसरी ओर सीएए को लेकर देश के भीतर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के बाद केरल राज्य में भी इस कानून के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। 14 मार्च को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने घोषणा की कि "केरल में नागरिकता अधिनियम (सीएए) लागू नहीं किया जाएगा।"

एक तरफ मोदी सरकार सीएए कानून को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है, दूसरी तरफ देश के भीतर इसे लेकर विरोध तेज हो गया है। पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ऐलान किया था कि वे हर हाल में सीएए लागू नहीं होने देंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस कानून को देश के संविधान की मूल भावना के विपरीत बताया। ममता ने कहा कि इस कानून को लागू करके सरकार लोगों को संप्रदाय के नाम पर बांटने का प्रयास कर रही है। ममता ने दो टूक शब्दों में कहा कि वे जब तक जीवित हैं, किसी भी कीमत पर राज्य में सीएए लागू नहीं होने देंगे।

अब केरल में भी विजयन सरकार ने सीएए के खिलाफ अपने तेवर सख्त कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को ऐलान किया कि वे राज्य में सीएए लागू नहीं होने देंगे। इससे पहले जब सोमवार को सरकार ने इस कानून पर नोटिफिकेशन जारी किया था। विजयन ने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू करके भाजपा सरकार का उद्देश्य 'लोगों को विभाजित करना, सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काना और बुनियादी सिद्धांतों को कमजोर करना' है।


बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करता है। इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 के बाद भारत आए अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता दी जाएगी। सोमवार को जब सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया, तत्काल ही एक पोर्टल भी लॉन्च किया गया, जिसमें इस कानून के पात्र लोग नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

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