संसद में प्रवेश के नियम हुए सख्त, विजिटर को ऑनलाइन करना होगा आवेदन, भेजा जाएगा QR कोड
By: Rajesh Bhagtani Sun, 28 Jan 2024 3:37:56
नई दिल्ली। लोकसभा में पिछले साल 13 दिसंबर को सत्र के दौरान दर्शक दीर्घा से कुछ लोग कूद गये थे। ये लोग सदन में नारेबाजी करते हुए कैन से पीला धुआं छोड़ रहे थे। इससे संसद की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ गई थी। इसको देखते हुए बजट सत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नए सिरे से नियम बनाए गये हैं।
देश के नई संसद भवन की सुरक्षा को लेकर सरकार ने कुछ नए कदम उठाए हैं। इससे संसद में सांसदों, अधिकारियों और कर्मचारियों को छोड़कर अन्य सभी लोगों के लिए चेकिंग रूल और सख्त हो जाएंगे।
हर विजिटर को ऑनलाइन करना होगा आवेदन
अब दर्शक दीर्घा में जाने के लिए आसानी से अनुमति नहीं मिल पाएगी। नए नियम में संसद की दर्शक दीर्घा में प्रवेश के लिए लोगों को सबसे पहले ऑनलाइन आवेदन करने होंगे। अगर आवेदन स्वीकार कर लिया जाता है तो आवेदक के मोबाइल नंबर पर एक क्यूआर कोड भेजा जाएगा। इस क्यूआर कोड का प्रिंट निकालकर तय समय पर आवेदक को संसद भवन पहुंचना होगा। इसके साथ उनके पास आधार कार्ड भी होना चाहिए। संसद भवन की एंट्री प्वाइंट पर क्यूआर कोड को दिखाकर उसका एप्रुवल लेना होगा।
बॉयोमेट्रिक, मेट्रो की तरह कार्ड टैप करना भी जरूरी
एप्रुवल लेने के बाद रिसेप्शन पर आवेदक का बॉयोमेट्रिक किया जाएगा और फोटो भी लिया जाएगा। इतना होने के बाद उनको एक स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। स्मार्ट कार्ड लेकर दर्शक दीर्घा के एंट्री प्वाइंट पर मेट्रो की तरह टैप करना होगा। इसके बाद ही गेट खुलेगा और वह अंदर जा सकेंगे। वापसी में उन्हें स्मार्ट कार्ड वापस करना होगा। किसी वजह से स्मार्ट कार्ड नहीं वापस करने और भूल जाने पर आवेदक ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा। इसके बाद वह दोबारा कभी संसद भवन में प्रवेश नहीं कर सकेगा।
नई व्यवस्था में सांसदों से कहा गया है कि वे विजिटर्स पास के लिए तीन दिन पहले अप्लाई करें। इससे पुलिस वेरिफिकेशन कराने में आसानी होगी।बजट सत्र में भी 31 जनवरी शाम चार बजे तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। जिस दिन संसद में बजट पेश किया जाएगा, उस दिन के लिए सांसद एक ही पास जारी कर सकते हैं। इसमें भी उनकी पत्नी या पति को प्राथमिकता दी जाएगी। गैलरी पास के लिए सांसद अपने आवेदक का केवल ऑनलाइन आवेदन ही कर सकते हैं।
संसद पर 13 दिसंबर को 2001 को हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई थी। उस दिन दो व्यक्ति शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और केन से पीला धुआं छोड़ते हुए नारे लगाए थे। आरोपियों को बाद में सांसदों ने पकड़ लिया था। लगभग उसी समय दो अन्य लोगों ने संसद परिसर के बाहर नारे लगाते हुए केन से रंगीन धुआं छोड़ा था।