राजस्थान के झालावाड़ जिले के डग थाना क्षेत्र के पाडला गांव में बोरवेल में गिरे 5 वर्षीय प्रहलाद की जिंदगी बचाने की कोशिश नाकाम रही। सोमवार सुबह 4:00 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया था, लेकिन दोबारा पहुंची NDRF की टीम ने सुबह 5:00 बजे बच्चे को बाहर निकाला, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बच्चे का शव डग अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया, जहां पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।
पहले ही हो चुकी थी मौत की पुष्टि
ऐसा माना जा रहा है कि रेस्क्यू टीम ने अधिकारियों के सामने बच्चे की मौत की पुष्टि पहले ही कर दी थी, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते शव को तुरंत बाहर नहीं निकाला जा सका। इसके बाद, भीड़ को हटाकर बच्चे के शव को निकालकर सीधे अस्पताल भिजवा दिया गया।
शुरुआत में सुनाई दे रही थी रोने की आवाज
प्रह्लाद की शुरुआत में रोने की आवाज आ रही थी, जिससे सभी को उम्मीद थी कि उसे बचाया जा सकता है। पाइप के जरिए ऑक्सीजन दी जा रही थी, लेकिन पथरीला इलाका होने के कारण बचाव कार्य में बाधाएं आईं। झालावाड़ से पहुंची SDRF की टीम ने देसी जुगाड़ (रिंग फंसाकर) बच्चे को निकालने की कोशिश की, वहीं कोटा से आई NDRF टीम ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन किया।
खेलते समय ट्यूबवेल में गिरा था मासूम
प्रह्लाद खेत में खेल रहा था, तभी अचानक ट्यूबवेल में गिर गया। वह 30 फीट नीचे फंस गया था। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों की मदद से रस्सी डालकर बच्चे को निकालने के प्रयास किए। इसके बाद SDRF की टीम भी मौके पर पहुंची और ऑपरेशन शुरू किया गया।
200 फीट गहरा था बोरवेल
डग थानाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि प्रह्लाद अपने माता-पिता के साथ खेत पर गया था। माता-पिता खेत में काम कर रहे थे, तभी दोपहर करीब 1:40 बजे बच्चा ट्यूबवेल में गिर गया। यह बोरवेल तीन दिन पहले ही खुदवाया गया था। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया, लेकिन बोरवेल 200 फीट गहरा होने के कारण बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया।