ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पहलगाम आतंकी हमले पर पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। अफरीदी ने इस हमले के लिए भारत को दोषी ठहराया था और दावा किया था कि भारत खुद आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर पाकिस्तान को बदनाम करता है। इस पर पलटवार करते हुए ओवैसी ने कहा, "ये कौन है? मेरे सामने ऐसे जोकरों का नाम मत लो। इन्हें भूल जाओ।"
ओवैसी ने पाकिस्तान को एक बार फिर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में डालने की पुरजोर मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान अब भी अवैध धन के जरिए आतंकवाद को फंडिंग कर रहा है। ओवैसी ने कहा, "पाकिस्तान को फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाना चाहिए। अवैध वित्तपोषण के जरिए आतंकवाद को बढ़ावा देना एक गंभीर अपराध है। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत भारत नौसैनिक और वायुसेना नाकाबंदी जैसे कदम उठा सकता है।" उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 51 का भी हवाला दिया, जो बाहरी आक्रमण के खिलाफ आत्मरक्षा का अधिकार देते हैं।
FATF ग्रे लिस्ट क्या है?
जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान जून 2018 से अक्टूबर 2022 तक FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल था। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक लगाने के लिए काम करती है। जो देश इन मानकों का पालन नहीं करते, उन्हें FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाला जाता है, जिससे उनकी वैश्विक आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना भी शामिल है।