लापरवाही / मुंबई के अस्पताल में शवों के बीच कोरोना मरीजों का इलाज
By: Pinki Thu, 07 May 2020 2:14:34
महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1,233 नए मामले सामने आए। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 16,758 हो गई। मुंबई में 26 अप्रैल को 5194 कोरोना मरीज थे, लेकिन बीते 10 दिन में यह बढ़कर संख्या 10,527 तक पहुंच गई। मुंबई में कोरोना की भयावह स्थिति के बावजूद यहां लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही है।
मरीजों के बीच रखे शव
मुंबई के सायन अस्पताल का एक हैरान करने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि वॉर्ड में मरीजों के बीच शव रखे गए हैं। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल के वॉर्ड में कई मरीज बेड पर लेटे हैं। मरीजों के बीच में काले प्लास्टिक के बैगों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के शव भी वॉर्ड के बेडों पर रखे हैं। कुछ शवों को कपड़ों से तो कुछ कंबल से ढका गया है। बताया जा रहा है कि वॉर्ड में मरीजों के बीच कई ऐसे शव पड़े थे।
Outraged to see corpses laid beside the sick at Sion Hospital. Why isn’t @mybmc following @WHO-prescribed protocols when disposing of #COVIDー19 corpses?
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) May 7, 2020
Public hospital staff are doing their best with limited resources at hand. Mumbai’s administration needs to step up NOW! pic.twitter.com/MURUNsIyfc
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लापरवाही को लेकर लोग तीखी प्रतिक्रिया कर रहे हैं। इस मामले में अस्पातल के डीन ने स्वीकार किया है कि यह वीडियो उन्हीं के अस्पताल का है। रिश्तेदार शवों को ले जाने के लिए नहीं आ रहे हैं, इसलिए हमने उन्हें वहां रखा था।
बीजेपी नेता नीतीश राणे ने भी वीडियो ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'सायन अस्पताल में शवों के साथ मरीज भी सो रहे हैं। यह अति है। यह कैसे प्रशासन है। बहुत ही शर्मनाक बात है।' डीन के जवाब पर नीतीश राणे ने कहा, 'इस जवाब के बाद मुंबईवासी बीएमसी से क्या उम्मीद कर सकते हैं? निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं और सरकारी अस्पतालों में हालात ऐसे हैं। क्या यह मेडिकल इमरजेंसी है!'
नीतीश ने कहा, 'पहले तो सायन अस्पताल प्रशासन ने वीडियो को फेक बताया। अब उन्होंने माना कि वीडियो उनके अस्पताल का है तो उनका बयान हैरान कर देने वाला है। अब बीएमसी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से लोगों का भरोसा उठ गया है। म्युनिसिपल कमिश्नर अगर यह सब रोक नहीं सकते और स्थितियां नियंत्रित नहीं कर सकते तो उन्हें त्यागपत्र दे देना चाहिए'
आपको बता दे, मुंबई में 11 मार्च को कोरोना का पहला केस सामने आया था। 5,000 हजार लोगों को संक्रमित करने में वायरस को 47 दिन लगे थे। पिछले 9 दिनों से रोज 400 से 600 नए मामले सामने आ रहे। बीएमसी के आंकड़ों के अनुसार, शहर में अब तक 412 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण से बुधवार को मुंबई में 25 मरीजों की मौत हुई है।
वहीं, एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी में बुधवार को कोरोना मरीजों का आंकड़ा 700 को पार कर गया। 6 मई को धारावी में कोरोना के 68 नए केस पाए गए। इस तरह यहां कोरोना मरीजों की संख्या 733 तक पहुंच गई। जबकि एक व्यक्ति की मौत होने से यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या 21 हो गई