लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को पार्टी मुख्यालय पर हुई बैठक में बड़ा निर्णय ले लिया। भतीजे आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया है। यह भी कहा कि अब उनका करियर खराब हो गया है। अपने भाई आनंद कुमार पर भरोसा जताते हुए उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ ही राष्ट्रीय संयोजक भी बना दिया है। इसके अलावा राज्यसभा सांसद राम जी गौतम पर भी मायावती ने विश्वास जताते हुए नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद पर बैठा दिया है। अब पार्टी के दो नेशनल कोऑर्डिनेटर होंगे। मायावती ने इन दोनों नेशनल कोऑर्डिनेटर का काम भी विभाजित कर दिया है। इस मौके पर मायावती ने भी साफ कर दिया कि अब जब तक मैं जिंदा हूं, मैं ही पार्टी की उत्तराधिकारी हूं।
इससे पहले दिन में मायावती ने लखनऊ में बीएसपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की। हाल ही में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया था।
बसपा की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद मायावती जी ने आज लखनऊ में बसपा के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों की बैठक में पार्टी संगठन की विभिन्न स्तरों पर गतिविधियों व तैयारियों, कैडर के आधार पर सर्वसमाज में जनाधार बढ़ाने के साथ-साथ पार्टी को हर मोर्चे पर मजबूत करने के लिए दिए गए पूर्व दिशा-निर्देशों की राज्यवार गहन समीक्षा की।’’
सख्त कार्रवाई से दिया संदेश
बसपा मुख्यालय पर रविवार को हुई बैठक में बसपा सुप्रीमो के तल्ख तेवर देखकर पदाधिकारियों के होश उड़ गए। कार्रवाई भी इतनी सख्त की है कि पदाधिकारियों को समझ आ गया कि पार्टी लाइन से हटकर कुछ भी किया तो संगठन में जगह नहीं बचेगी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सख्त कार्रवाई करते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया।
मायावती ने पिछले साल आनंद को बर्खास्त कर दिया था, लेकिन बाद में उन्हें फिर से बहाल कर दिया और उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया। उन्होंने पिछले महीने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा की थी। पूर्व राज्यसभा सांसद सिद्धार्थ को दक्षिणी राज्यों में पार्टी संचालन की देखरेख के लिए जिम्मेदार बीएसपी के मेरठ जिले के प्रभारी नितिन सिंह के साथ निष्कासित कर दिया गया था।
बयान में आगे कहा गया है कि, "माननीय कांशीराम जी ने कभी भी अपने रिश्तेदारों आदि को पार्टी में काम करने से मना नहीं किया था, बल्कि इस मामले में उन्होंने यह भी कहा कि वे भी अन्य लोगों की तरह पार्टी में काम करते हैं, लेकिन अगर इसकी आड़ में उन्होंने मेरे नाम का दुरुपयोग करके पार्टी और आंदोलन को नुकसान पहुंचाया, तो उसी दिन मैं उन्हें पार्टी से तुरंत निष्कासित कर दूंगा, जिसके कई उदाहरण हैं और पंजाब के लोग इस मामले से अच्छी तरह वाकिफ हैं। और उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैंने उनके ईमानदार और वफादार शिष्य और उत्तराधिकारी होने के नाते पार्टी और आंदोलन के हित में अशोक सिद्धार्थ, जो आकाश आनंद के ससुर भी हैं, को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में पार्टी को दो धड़ों में बांटकर कमजोर करने का सबसे घिनौना काम किया है, जो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और यह सब उनके बेटे की शादी में भी देखने को मिला।"
आकाश के ससुर को ठहराया जिम्मेदार
आकाश आनंद के पॉलिटिकल करियर को खराब करने के लिए मायावती ने आकाश के ससुर और अपने बहुत करीबी रहे अशोक सिद्धार्थ को ही जिम्मेदार माना। कहा कि अशोक सिद्धार्थ के चलते ही आकाश आनंद का करियर खराब हुआ है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अशोक सिद्धार्थ जो आकाश आनंद के ससुर भी हैं, उन्हें अब पार्टी व मूवमेंट के हित में पार्टी से निकाल कर बाहर किया है। कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में पार्टी को दो गुटों में बताकर इसे कमजोर करने का घिनौना कार्य किया है। यह कतई भी बर्दाश्त करने लायक नहीं है। यह सब उनके लड़के की शादी में भी देखने को मिला है।
आकाश पर अशोक की बेटी का असर, नतीजा पॉजिटिव नहीं
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि जहां तक इस मामले में आकाश आनंद का सवाल है तो सभी को मालूम है कि अशोक सिद्धार्थ की बेटी के साथ उनकी शादी हुई है। अब अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकालने के बाद उस लड़की पर अपने पिता का कितना प्रभाव पड़ता है और आकाश पर भी कितना प्रभाव पड़ता है, यह सब भी अब हमें काफी गंभीरता से देखना होगा। अभी तक बिल्कुल भी पॉजिटिव नहीं लग रहा है। ऐसे में पार्टी और मूवमेंट के हित में आकाश आनंद को पार्टी की सभी जिम्मेदरियों से अलग कर दिया गया है, जिसके लिए पार्टी नहीं, बल्कि पूरी तरह ससुर अशोक सिद्धार्थ ही जिम्मेदार है। उन्होंने पार्टी को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ आकाश आनंद के पॉलिटिकल करियर को भी खराब कर दिया है।
आनंद का बढ़ा कद
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद के स्थान पर आनंद कुमार को पहले की तरह नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंप दी है। कहा है कि अभी भी मेरे लखनऊ और बाहर दौरे के दौरान पार्टी के सभी कार्य आनंद ही करते हैं, जिसने अभी तक कभी भी किसी भी मामले में मुझे निराश नहीं किया है। इन्होंने पार्टी व मूवमेंट को अभी तक कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाया है। ऐसी स्थिति में आनंद कुमार को फिर से बड़ी जिम्मेदारी सौंप रही हूं। वह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। मेरी गैरहाजिरी में और मेरे दिशा निर्देशन में पार्टी का पूरा पेपर वर्क खासकर पार्टी का इनकम टैक्स और कोर्ट कचहरी से संबंधित काम देखेंगे। पूरे देश में चुनाव के दौरान मेरे चुनावी दौरे का भी प्रबंध देखते रहते हैं।
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— Mayawati (@Mayawati) March 2, 2025
आखरी सांस तक मैं ही रहूंगी उत्तराधिकारी
मायावती ने कहा कि इतना ही नहीं, मैंने खुद ही फैसला लिया है कि मेरे जीते जी, मेरी आखिरी सांस तक भी अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा। इस फैसले का पार्टी के लोगों ने दिल से स्वागत किया। इसके साथ-साथ पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने फिर उस बात को दोहराया कि मेरे लिए पार्टी व मूवमेंट पहले है, भाई-बहन व उनके बच्चे और अन्य रिश्तेदार सभी बाद में हैं। पार्टी के लोगों को विश्वास दिलाया कि जब तक मैं जिंदा रहूंगी तब तक मैं अपने आखिरी सांस तक पूरी ईमानदारी व निष्ठा से पार्टी को आगे बढ़ने का पूरा प्रयास करूंगी।
सपा पर साधा निशाना, कहा-बीजेपी को सिर्फ हरा सकती है बीएसपी
बसपा अध्यक्ष मायावती ने बैठक में समीक्षा के दौरान कमियों को दूर करके आगे के पार्टी कार्यक्रमों के लिए जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। अभी हाल ही में यूपी के मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में बीएसपी की तरफ से कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बावजूद समाजवादी पार्टी की हुई जबरदस्त हार का भी उन्होंने उल्लेख किया। कहा कि अब इसके लिए सपा किसको जिम्मेदार ठहराएगी, क्योंकि पिछले उपचुनाव में पार्टी की हार के लिए सपा ने बीएसपी को जिम्मेदार ठहराने का झूठा प्रचार किया था, जबकि कुल मिलाकर सपा और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
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