बाइक की 'डिग्गी' से निकाला नवजात बेटे का शव, देख लोगों के उड़े होश; पढ़े पूरा मामला
By: Priyanka Maheshwari Thu, 20 Oct 2022 09:12:49
बच्चे को खोने के गम और स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों और कर्मचारियों का अमानवीय व्यवहार से आहत होकर एक पीड़ित पिता मोटरसाइकिल पर सवार होकर मंगलवार को कलेक्टर ऑफिस पहुंचा। मोटरसाइकिल पर एक बैग टंगा हुआ था। उसमे था बच्चे का शव। जैसे ही उसने बैग से बच्चे के शव को निकाला, वहां हड़कंप मच गया। अधिकारियों, कर्मचारियों और मौजूद लोगों के होश उड़ गए। जब लोगों ने पीड़ित पिता की आपबीती सुनी तो उनकी आंखे नम हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। यह घटना मध्यप्रदेश के सिंगरौली की है।
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रहने वाले दिनेश भारती ने बताया कि उसकी पत्नी की डिलीवरी होनी थी। इसके लिए वह सिंगरौली जिला अस्पताल गया था। वहां के एक डॉक्टर ने प्रसव से पहले उसकी पत्नी को कुछ जांचों के लिए एक क्लीनिक में भेज दिया। यहां उसकी जांचें की गईं, जिसके लिए 5 हजार रुपये लिए गए। जांच कराने के बाद वह पत्नी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा, जहां सोमवार को उसकी पत्नी ने मृत बच्चे को जन्म दिया। बच्चे की मौत के बाद बेरहम अस्पताल प्रबंधन ने नवजात का शव पॉलिथीन में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया, बच्चे की मौत से सदमे में माता-पिता को जब पन्नी में लिपटा मासूम का शव मिला तो उनके हाथ कांप गए, लेकिन गरीब और मजबूर माता-पिता के पास कोई और चारा भी नही था। भारती का आरोप है कि उन्होंने पत्नी और मृत बच्चे को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगी। लेकिन अस्पताल के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनकी मदद नहीं की।
इस खबर ने सोचने पर मजबूर कर दिया कि प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं में नित नई उचाईयां हासिल कर रहा है लेकिन शायद मानवता या इंसानियत उतनी ही तेज़ी से नीचे आ रही है। फ़िलहाल इस घटना को लेकर सिंगरौली कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने कहा, 'एसडीएम के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर आरोपों की जांच होगी। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।'