महाकुंभ: 18 जनवरी तक संगम में कितने लोगों ने लगाई डुबकी? आंकड़ा कर देगा हैरान, आज CM योगी भी प्रयागराज पहुंचे
By: Sandeep Gupta Sun, 19 Jan 2025 1:54:33
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी हुई है। 18 जनवरी तक कुल 7.72 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई है और यह सिलसिला अभी भी जारी है। खबर लिखे जाने तक, 30.80 लाख से अधिक लोग संगम में स्नान कर चुके हैं। इनमें 10 लाख से अधिक कल्पवासी और 20.80 लाख तीर्थयात्रियों का योगदान है।
सीएम योगी प्रयागराज पहुंचे
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आज प्रयागराज पहुंचे हैं। वह लगभग 5 घंटे महाकुंभ क्षेत्र में रुककर व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे।
राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने भी किया स्नान
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या रोज बढ़ रही है और इस बीच कई बड़ी हस्तियां भी इस आयोजन में भाग लेने के लिए प्रयागराज पहुंच रही हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी महाकुंभ में स्नान करने के लिए पहुंचे। रविवार को उन्होंने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई और सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर इस पल को साझा किया। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, 'प्रयागराज में आस्था, श्रद्धा और एकता के महासमागम 'महाकुंभ-2025' में पवित्र त्रिवेणी संगम पर आस्था की पावन डुबकी लगाने का अनुपम सौभाग्य प्राप्त हुआ। तत्पश्चात, लेटे हुए हनुमान जी महाराज के दिव्य दर्शन एवं पूर्ण विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर समस्त प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि, मंगलमय एवं आरोग्यमय जीवन हेतु प्रार्थना की।'
राजनाथ सिंह ने भी लगाई डुबकी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शनिवार को संगम में डुबकी लगाई और महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की। उन्होंने कहा कि "पूरी दुनिया में इतनी विशाल संख्या में श्रद्धालुओं का जुटना कहीं नहीं होता। इस सफल आयोजन के लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हार्दिक बधाई देता हूं।"
महाकुंभ पर बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है, जहां चिरस्मरणीय जन सैलाब, अकल्पनीय दृश्य और समता-समरस्ता का असाधारण संगम देखने को मिल रहा है। इस बार कुंभ में कई दिव्य योग भी बन रहे हैं। कुंभ का यह उत्सव विविधता में एकता का उत्सव मनाता है।'
उन्होंने आगे कहा, 'कुंभ का आयोजन हमें यह भी बताता है कि कैसे हमारी परंपराएं पूरे भारत को एक सूत्र में बांधती हैं। उत्तर से दक्षिण तक, विभिन्न मान्यताओं को मानने के तरीके एक जैसे हैं। एक ओर प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होता है, वहीं दूसरी ओर दक्षिण भारत में गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा और कावेरी नदी के तटों पर पुष्करम जैसे आयोजन होते हैं। यह सभी धार्मिक अनुष्ठान भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता को प्रदर्शित करते हैं।'
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