आगामी बजट में भारतीय अन्तरिक्ष संघ को उम्मीद, PLI व GST में छूट की उम्मीद, कर की दर 5 प्रतिशत करने की माँग
By: Rajesh Bhagtani Thu, 25 Jan 2024 00:02:23
चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष संघ ने आगामी बजट में अंतरिक्ष अभियानों में काम आने वाले कंपोनेंट्स के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में छूट, कर अवकाश, रियायती सीमा शुल्क और बाहरी वाणिज्यिक उधार पर कम कर दर की उम्मीद जताई है। यह संघ भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र की निजी कंपनियों की लॉबी है। उसके अनुसार, उपग्रहों, रॉकेटों और जमीनी उपकरण विनिर्माण के साथ-साथ प्रमुख इनपुट की खरीद पर भी जीएसटी में छूट दी जानी चाहिए। चूंकि अंतरिक्ष क्षेत्र पूंजी प्रधान है, इसलिए बाह्य वाणिज्यिक उधार पर कर की दर को कम करके पांच प्रतिशत किया जाना चाहिए।
संघ ने केंद्र सरकार से अंतरिक्ष क्षेत्र की फर्मों के लिए कर अवकाश और छूट, अधिसूचित आयातों के लिए सीमा शुल्क में रियायत और कम लाभ मार्जिन को देखते हुए सैटेलाइट सेक्टर के लिए विदहोल्डिंग टैक्स को 10 प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत करने की माँग की है। संघ ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र और संबंधित पहलुओं के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति पर स्पष्टता की तत्काल आवश्यकता है। सरकार से को कृषि, आपदा प्रबंधन आदि जैसे क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीकी समाधान खरीदने और अपनाने की भी माँग की गई है।
उसने नए दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत गैर-नीलामी स्पेक्ट्रम आवंटित उपग्रह सेवाओं के लिए समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के प्रतिशत के रूप में उचित एसयूसी (स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क) ढाँचा तैयार करने, कर प्रभाव को अनुकूलित करने के लिए सैटेलाइट ऑपरेटरों को एकमुश्त शुल्क और लाइसेंस शुल्क पर 25 प्रतिशत मूल्यह्रास की अनुमति की भी माँग की है।
दूरदराज के क्षेत्रों में सुविधाओं के लिए अतिरिक्त सब्सिडी के साथ बुनियादी ढांचे के निवेश पर पूंजीगत सब्सिडी, विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे की उन्नति शुरू करने और भारत के निजी अंतरिक्ष उद्योग में डाउनस्ट्रीम अंतरिक्ष पेशकश में वृद्धि का प्रस्ताव है।
संघ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ए.के. भट्ट ने कहा: "हम
सरकार के हालिया सुधारों और प्रशासनिक दृष्टिकोण के माध्यम से उपग्रह
स्पेक्ट्रम आवंटित करने की अभूतपूर्व पहल का स्वागत करते हैं। इन पहलों में
निस्संदेह भारत में उभरते निजी अंतरिक्ष उद्योग को बढ़ावा देने की क्षमता
है।
"अब, इस आशाजनक उद्योग को आगे बढ़ाने और नवाचार को आगे
बढ़ाने के लिए, सरकार के लिए एक व्यापक नियामक ढांचा विकसित करना और मौजूदा
राजकोषीय और कराधान चुनौतियों का समाधान करना महत्वपूर्ण है। हम सरकार से
निजी अंतरिक्ष उद्यमों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए हमारी
सिफारिशों पर विचार करने का आग्रह करते हैं। सरकार द्वारा प्रदान की गई गति
और इसकी दूरदर्शी नीति का लाभ उठाते हुए ये उद्यम राष्ट्र को महत्वपूर्ण
सामाजिक-आर्थिक लाभ पहुंचा सकते हैं।"