महान एथलीट 'फ्लाइंग सिख' मिल्खा सिंह का निधन, PM मोदी ने कहा- हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया

By: Pinki Sat, 19 June 2021 09:19:46

महान एथलीट 'फ्लाइंग सिख' मिल्खा सिंह का निधन, PM मोदी ने कहा- हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया

एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद भारत के महान फर्राटा धावक ‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह (Milkha Singh) का निधन हो गया। उन्होंने शुक्रवार रात 11:30 पर आखिरी सांस ली। मिल्खा 17 मई को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। 91 वर्षीय सिंह की शुक्रवार शाम को कोरोना के बाद उत्पन्न हुई जटिलताओं के कारण हालत गंभीर हो गयी थी जिसमें उनका आक्सीजन स्तर कम हो गया था और उन्हें तेज बुखार आ रहा था। मिल्खा सिंह निधन की खबर से पूरे देश में शोक का लहर है।

भारत के इस महान धावक को दुनियाभर में फ्लाइंग सिख के नाम से जाना जाता है। भारत के लिए कॉमनवेल्थ में सबसे पहला गोल्ड मेडल जीतने का कमाल मिल्खा जी ने ही किया था। इसके अलावा एशियन गेम्स में इस महान धावक के नाम चार गोल्ड मेडल भी थे। ओलंपिक में भारत की तरफ से कांस्य पदक जीतने से चूके मिल्खा को भारत के सबसे महान और चमकदार एथलीट के तौर पर जाना जाता है।

जितनी भूख हो, उससे आधा खाइए क्योंकि बीमारियां पेट से शुरू होती हैं

91 साल की उम्र के बाद भी उनका फिटनेस के प्रति जुनून कम नहीं हुआ था। उनके लिए फिटनेस क्या मायने रखती थी, इसे उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान साझा किया था। उन्होंने कहा था कि बदलाव फिटनेस से ही आएगा। मैं जो चल-फिर पा रहा हूं, वह केवल फिजिकल फिटनेस की वजह से ही हो पाया है। मिल्खा ने कहा था कि मैं लोगों से कहता हूं कम खाओ, क्योंकि सारी बीमारी पेट से ही शुरू होती हैं। मेरी राय है कि चार रोटी की भूख है तो दो खाइए। जितना पेट खाली रहेगा आप ठीक रहेंगे। इसके बाद मैं चाहूंगा कि 24 घंटे में से 10 मिनट के लिए खेल के मैदान में जाना बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा था- पार्क हो, सड़क हो...जाइए और दस मिनट तेज वॉक कीजिए, थोड़ा कूद लीजिए, हाथ-पैर चला लीजिए। खून शरीर में तेजी से बहेगा तो बीमारियों को भी बहा देगा। आपको मेरी तरह कभी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। सेहत के लिए दस मिनट निकलना बेहद जरूरी है।

चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

पद्मश्री मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि- 'मिल्खा सिंह जी के निधन से, हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया है, जिसने देश की कल्पना पर कब्जा किया था और अनगिनत भारतीयों के दिलों में उनका एक विशेष स्थान था। उन्होंने अपने प्रेरक व्यक्तित्व ने खुद को लाखों लोगों का प्रिय बना दिया। उनके निधन से आहत हूं। अभी कुछ दिन पहले ही मेरी मिल्खा सिंह जी से बात हुई थी। मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बातचीत होगी। कई नवोदित एथलीट उनकी जीवन यात्रा से ताकत हासिल करेंगे। उनके परिवार और दुनिया भर में कई प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।'

गृह मंत्री ने भी दी श्रद्धांजलि

वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा कि- 'भारत महान धावक श्री मिल्खा सिंह जी, द फ्लाइंग सिख के दुखद निधन पर शोक व्यक्त करता है। उन्होंने विश्व एथलेटिक्स पर एक अमिट छाप छोड़ी है। राष्ट्र उन्हें हमेशा भारतीय खेलों के सबसे चमकीले सितारों में से एक के रूप में याद रखेगा। उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।'

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