बाढ़ का कहर : असम और बिहार में अबतक 139 लोगों की मौत, मदद के लिए सेना उतारी गई
By: Pinki Sat, 20 July 2019 08:28:17
असम और बिहार में बाढ़ का कहर जारी है। बिहार में बाढ़ से अबतक 92 और असम में 47 लोगों की मौत हो चुकी है। दोनों राज्यों में पर राहत और बचाव कार्य के साथ-साथ समीक्षाओं और बैठकों का दौर जारी है। बात करे बिहार की तो यहां राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 3.02 लाख बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए 180 करोड़ की सहायता राशि मुहैया कराई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि राज्य सीतामढ़ी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। गुरुवार को 78 की संख्या में मरने वालों में सीतामढ़ी के 27 लोग शामिल हैं। इसके बाद मधुबनी में 14, अररिया में 12, शिवहर में 9, दरभंगा में 9, पूर्णिया में 7, किशनगंज में 4, सुपौल में 3 और पूर्वी चंपारण में 2 लोगों की मौत हुई। 12 में से केवल दो जिलों मुजफ्फरपुर और कटिहार में अब तक कोई मौत नहीं हुई है। 1,107 पंचायतों में कुल 66.76 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं। दरभंगा जिला के करजापट्टी गांव में लोगों ने बाढ़ का पानी रोकने के लिए बालू भरे बोरे और बांस की मदद ली है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन उनकी मदद के लिए कुछ नहीं कर रहा है। ऐसे में वे खुद ही पानी रोकने का प्रयास कर रहे हैं। तटबंध कमजोर हैं, अगर टूट गया, तो पूरा गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएगा और लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा।
गौशाला में बाढ़, बड़ा सवाल गायों को कहां ले जाएं!
मधुबनी के मारवा गांव में श्रीराम जानकी मठ गौशाला भी बाढ़ की चपेट में है। यहां लगभग 500 गायें हैं। ये गायें या तो परित्यक्त कर दी गई हैं या फिर रेस्क्यू कर लाई हुई हैं। बाढ़ आने से जान पर आफत बन आई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अंचलाधिकारी और अन्य अधिकारियों से गुहार लगाई गई, लेकिन मदद नहीं मिली है। 500 गायों को आखिर कहां ले जाएं? यह संभव नहीं है।
Bihar: 'Sri Ram Janki Math gaushala', in Madhubani's Marwa village, which houses around 500 abandoned&rescued cows is flooded. Locals say "We spoke to Circle Officer&other officers but haven't received help. Can't take 500 cows anywhere else,it'll cause traffic congestion."(19.7) pic.twitter.com/JUpVPSjbsO
— ANI (@ANI) July 19, 2019
असम में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सेना उतारी गई
बात असम की करें तो यहां बाढ़ की स्थिति शुक्रवार को गंभीर बनी रही। यहां शुक्रवार को 11 और लोगों की मौत हो गई, जबकि 33 जिलों में से 27 में 48.87 लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं। अब तक यहां 47 लोगों की मौत हो चुकी है। असम में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सेना उतारी गई है। बाढ़ की त्रासदी से जूझ रहे असम के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने सांसदों को हरसंभव केंद्रीय मदद का भरोसा दिया। मंगलदोई के सांसद दिलीप सैकिया ने बैठक के बाद बताया कि प्रधानमंत्री ने दल की बात को धैर्यपूर्वक सुना और राज्य को सभी जरूरी केंद्रीय मदद देने का भरोसा दिया। सैकिया ने कहा कि अभी बाढ़ से प्रभावित 1.11 लाख लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राज्य में भयावह से 54 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं और जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। एक सिंग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध काजीरंगा नेशनल पार्क और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य लगातार बाढ़ में डूबा हुआ है।
अधिकारियों ने कहा कि कुल 1.79 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न थी और लगभग 90 प्रतिशत राइनो निवास स्थान - काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में पानी भरा हुआ है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि 11 मौतों में से पांच धुबरी जिले से और तीन बारपेटा और मोरीगांव में हुए। अपने बुलेटिन में, ASDMA ने कहा कि 3,705 गांवों के 48,87,443 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। शिवसागर और उदलगुरी में, जहां बाढ़ के पानी कम हो गया है, वहां विस्थापित लोग घर लौटे।
हालांकि, गोलाघाट जिले के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और मोरीगांव जिले के पोबितोरा में पानी की निकासी शुरू हो गई थी, वन विभाग के सूत्रों ने कहा कि गैंडों, हाथियों, भैंसों और हिरण जैसे जानवरों ने जंगलों के भीतर बनाए गए कृत्रिम उच्च मैदानों पर शरण ली है।