ED ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की

By: Rajesh Bhagtani Tue, 06 Aug 2024 7:25:51

ED ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की

मुम्बई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वित्तीय सेवा फर्म रेलिगेयर एंटरप्राइजेज से धन के कथित दुरुपयोग और अवैध डायवर्जन के संबंध में जांच शुरू की है और प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है।

जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के एक शेयरधारक वैभव गवली द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद की है, जिसमें उन्होंने रेलिगेयर, डाबर समूह और अन्य के पूर्व निदेशकों पर कंपनी और उसके शेयरधारकों को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।

सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग उल्लंघन के सिलसिले में रेलिगेयर के तीन स्वतंत्र निदेशकों को भी पेश होने के लिए बुलाया है।

गवली ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि रेलिगेयर के पूर्व निदेशक शिवेंद्र मोहन सिंह और मालविंदर मोहन सिंह धन शोधन गतिविधियों में शामिल थे।

शिकायत में एमबी फिन मार्ट प्राइवेट लिमिटेड, मोहित बर्मन, विवेचन्द बर्मन, मोनिका बर्मन (कंपनी के निदेशक) और पूरन एसोसिएट प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है। अन्य आरोपी व्यक्तियों में अभय कुमार अग्रवाल, आनंदचंद बर्मन, मिनी बर्मन (सभी उक्त कंपनी के निदेशक) के साथ-साथ वीआईसी एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड और मिल्की इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी भी शामिल हैं।

पुलिस को दिए गए अपने बयान में गवली ने आरोप लगाया कि आरोपियों में से कई के ऐसे व्यक्तियों के साथ घनिष्ठ पारिवारिक और व्यावसायिक संबंध थे, जो पहले भी रेलिगेयर और उसकी सहायक कंपनियों में व्यवस्थित रूप से बड़ी मात्रा में धनराशि स्थानांतरित करने में शामिल थे।

उन्होंने यह भी दावा किया कि शिवेंद्र मोहन सिंह, मालविंदर मोहन सिंह और कई अन्य लोग गहरी आपराधिक साजिश में शामिल थे। इनमें से कुछ आरोपों की जांच फिलहाल नई दिल्ली स्थित आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जा रही है।

मालविंदर मोहन सिंह के खिलाफ प्राथमिक आरोप शिवेंद्र मोहन सिंह और सुनील गोधवानी के साथ मिलीभगत से जुड़ा है। मालविंदर मोहन सिंह पर रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (RFL) को संबंधित शेल कंपनियों को 2,397 करोड़ रुपये का असुरक्षित ऋण देने के लिए प्रेरित करने का आरोप है, जबकि उन्हें पूरी जानकारी थी कि ये ऋण कभी नहीं चुकाए जाएंगे।

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