कांग्रेस ने आधार अधिनियम को धन विधेयक के रूप में सुनवाई के सुप्रीम कोर्ट के कदम का किया स्वागत
By: Rajesh Bhagtani Mon, 15 July 2024 6:19:22
नई दिल्ली। आधार अधिनियम जैसे कानूनों को धन विधेयक के रूप में पारित करने की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए संविधान पीठ गठित करने की याचिका पर विचार करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि इस साल के अंत में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सेवानिवृत्त होने से पहले अंतिम फैसला आ जाएगा।
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि पिछले दस वर्षों में संसद में कई विधेयकों को संविधान के अनुच्छेद 110 के तहत 'धन विधेयक' घोषित करके 'बुलडोजर' किया गया है और इसका एक अच्छा उदाहरण 2016 का आधार अधिनियम है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने इसे धन विधेयक घोषित किए जाने को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी और अपने असहमतिपूर्ण फैसले में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने इस घोषणा को 'संविधान के साथ धोखाधड़ी' बताया था।
रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "मैंने अन्य उदाहरणों को भी चुनौती दी थी। 2014 से अनुच्छेद 110 के घोर दुरुपयोग पर दलीलों की सुनवाई के लिए एक अलग संवैधानिक पीठ गठित करने का आज मुख्य न्यायाधीश का फैसला एक स्वागत योग्य कदम है। उम्मीद है कि नवंबर 2024 में उनके सेवानिवृत्त होने से पहले एक अंतिम और निर्णायक घोषणा आ जाएगी।"
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आधार अधिनियम जैसे कानूनों को धन विधेयक के रूप में पारित करने की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए संविधान पीठ गठित करने के लिए एक प्रस्ताव पर विचार करने पर सहमति जताई।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सीजेआई और जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष यह मुद्दा उठाया और कहा कि याचिकाएं पूरी हो चुकी हैं और याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की जरूरत है। सीजेआई ने कहा, "जब मैं संविधान पीठ गठित करूंगा, तब मैं इस पर फैसला लूंगा।"