संत बाबा राम सिंह की मौत पर बोले राहुल गांधी- मोदी सरकार क्रूरता की हर हद पार कर चुकी
By: Pinki Wed, 16 Dec 2020 10:54:40
संत बाबा राम सिंह की मौत पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि देने के साथ ही मोदी सरकार पर निशाना भी साधा है। उन्होंने कहा कि कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। मोदी सरकार क्रूरता की हर हद पार कर चुकी है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं और श्रद्धांजलि। कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा कि कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। मोदी सरकार क्रूरता की हर हद पार कर चुकी है। जिद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी कानून वापस लो।
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी शोक जताया है। उन्होंने कहा, 'हे राम, यह कैसा समय। ये कौन सा युग। जहां संत भी व्यथित हैं। संत राम सिंह जी सिंगड़े वाले ने किसानों की व्यथा देखकर अपने प्राणों की आहुति दे दी। ये दिल झकझोर देने वाली घटना है। प्रभु उनकी आत्मा को शांति दें। उनकी मृत्यु, मोदी सरकार की क्रूरता का परिणाम है।'
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, 'संत बाबा राम सिंह से किसानों का दर्द नहीं देखा गया। उन्होंने खुद को गोली मार ली। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सुखबीर बादल ने कहा कि मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि वो स्थिति को और खराब न होने दे और तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करे।'
करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ और श्रद्धांजलि।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 16, 2020
कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। मोदी सरकार की क्रूरता हर हद पार कर चुकी है।
ज़िद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी क़ानून वापस लो! pic.twitter.com/rolS2DWNr1
नहीं देखा गया किसानों का दुख
आपको बता दें, दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर किसानों के धरने में शामिल 65 वर्षीय संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को खुद को गोली मार ली। वे करनाल के सिंघरा गांव के रहने वाले थे। सिंघरा के ही गुरुद्वारा साहिब नानकसर के ग्रंथी थे। उनके अनुयाइयों की तादाद लाखों में बताई जा रही है। उनका एक सुसाइड नोट भी सामने आया है। उन्होंने पंजाबी भाषा में एक सुसाइड नोट छोड़ा है। उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उनके हक के लिए आवाज बुलंद की है। सुसाइड नोट के मुताबिक, संत बाबा राम सिंह ने किसानों पर सरकार के जुल्म के खिलाफ आत्महत्या की है। बाबा राम सिंह किसान थे और हरियाणा एसजीपीसी के नेता थे। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने खुदकुशी पर दुख जाहिर किया है।
संत राम सिंह ने कोंडली बॉर्डर पर खुदकुशी की। उन्हें लोग पानीपत के पॉर्क अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका शव करनाल ले जाया गया है। राम सिंह बुधवार को साथी किसानों के साथ कार से कोंडली बॉर्डर पहुंचे थे।
कौन थे संत बाबा राम सिंह
65 वर्षीय बाबा राम सिंह हरियाणा के करनाल के रहने वाले थे। बताया जाता है कि हरियाणा और पंजाब के अलावा दुनियाभर में उनके लाखों की संख्या में अनुयायी हैं। वो कई सिख संगठनों में अलग-अलग पदों पर रह चुके हैं। संत बाबा राम सिंह किसान होने के साथ धार्मिक उपदेशक भी थे। वो पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में थे और किसानों के समर्थन में आवाज उठा रहे थे। उन्होंने शिविर की भी व्यवस्था की थी और कंबल भी बांटे थे। संत बाबा रामसिंह का डेरा करनाल जिले में सिंगड़ा गांव में है। वो सिंगड़ा वाले बाबा जी के नाम से मशहूर थे।
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