Chandrayaan 2 पर बोलते हुए फूट-फूट कर रोने लगे BJP नेता मोहसिन रजा, वीडियो
By: Pinki Sat, 07 Sept 2019 2:59:37
चांद की सतह की ओर बढ़ा लैंडर विक्रम चंद्रमा (moon) की सतह से सिर्फ 2 किलोमीटर दूर था तभी उसका संपर्क धरती के कंट्रोल रूम से टूट गया। इस अनहोनी से ISRO के कंट्रोल रूम में अचानक सन्नाटा पसर गया। टीवी पर टकटकी लगाए बैठे देश के लाखों लोग मायूसी में डूब गए। यह सबकुछ चंद्रयान पर लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग के सबसे मुश्किल 15 मिनट के दौरान हुआ।
पीएम ने हौसला बढ़ाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में मौजूद थे। पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि हम निश्चित रूप से सफल होंगे। इस मिशन के अगले प्रयास में भी और इसके बाद के हर प्रयास में भी कामयाबी हमारे साथ होगी।
पीएम ने कहा कि हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है, कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं। ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता नहीं होती, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं।
#WATCH Uttar Pradesh Minister and BJP leader Mohsin Raza gets emotional while talking about #Chandrayaan2 pic.twitter.com/8jalouehKi
— ANI (@ANI) September 7, 2019
भावुक हुए BJP नेता मोहसिन रजा
वही चंद्रयान-2 पर बोलते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और BJP नेता मोहसिन रजा भी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि जैसे ही चंद्रयान-2 से हमारा संपर्क टूटा तो हमारे दिलों की धड़कनें तेज हो गईं इतना कहते ही वह फूट फूट कर रोने लगे।
असफल नहीं सफल रहा मिशन
इसरो के वैज्ञानिकों ने मिशन मून (Mission Moon) में लैंडिंग की जिस तरह से तैयारी की थी, उस तरह से हो नहीं पाई लेकिन इसके बावजूद मिशन को फेल नहीं कहा जा सकता। इसरो के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत फ्लॉप नहीं हुई है। और ऐसा कहने के पीछे एक नहीं कई वजहें हैं। लैंडर का कंट्रोल टूट जाने के बाद भी इसरो का ये मिशन अगले एक साल तक चलता रहेगा। चंद्रयान 2 के लैंडर और रोवर से कंट्रोल टूट चुका है। लेकिन चंद्रमा की सतह से दूर चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर लगातार काम कर रहा है। वो अगले एक साल तक काम करता रहेगा। इस दौरान ऑर्बिटर के जरिए चंद्रमा के फोटोग्राफ्स हमें मिलते रहेंगे। इसरो के वैज्ञानिकों को चांद के बारे में जानकारी मिलती रहेगी।
इसरो के वैज्ञानिक ने बताया है कि मिशन का सिर्फ 5 फीसदी हिस्सा ही प्रभावित हुआ है। 95 फीसदी हिस्सा काम करता रहेगा। 5 फीसदी हिस्से में सिर्फ लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से संपर्क टूटा है। इसकी वजह से चंद्रमा की सतह के बारे में जानकारी तो नहीं मिल पाएगी। लेकिन मिशन के बाकी 95 फीसदी एक्टिव हिस्से से दूसरी तरह की जानकारी मिलती रहेगी। चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर लगातार चांद के चक्कर काटता रहेगा और उसके जरिए इसरो के वैज्ञानिकों को जानकारी मिलती रहेगी।
इसरो के वैज्ञानिक का कहना है कि जिस रोवर प्रज्ञान से संपर्क टूटा है। वो चांद की सतह पर पहुंचने के बाद सिर्फ 14 दिनों तक काम करता है। जबकि मिशन चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर अगले एक साल तक काम करता रहेगा। ऑर्बिटर चंद्रमा के कई तरह के फोटोग्राफ्स खींचकर धरती पर भेजेगा।