जयपुर नहीं नामीबिया से ग्वालियर लाए जाएंगे चीते, इस कारण से बदला फैसला

By: Pinki Fri, 16 Sept 2022 11:31:44

जयपुर नहीं नामीबिया से ग्वालियर लाए जाएंगे चीते, इस कारण से बदला फैसला

भारत में 70 साल बाद चीते आ रहे हैं। 17 सितंबर को नामीबिया से 8 चीते स्पेशल चार्टर फ्लाइट से भारत लाए जा रहे हैं। पहले इन्हें जयपुर लाया जाना था। लेकिन लॉजिस्टिक की परेशानी के चलते एक दिन पहले प्लान में बदलाव किया गया है। ग्वालियर से इन चीतों को हेलिकॉप्टर के जरिए मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) लाया जाएगा।

नामीबिया से चीतों का ला रहा कार्गो प्लेन शुक्रवार रात को रवाना होगा। यह 17 सितंबर को सुबह 8 बजे ग्वालियर पहुंचेगी। यहां से इन चीतों को हेलिकॉप्टर के जरिए कूनो पार्क लाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितंबर को जन्मदिन है। पीएम अपने जन्मदिन पर इन चीतों को उद्यानों में बनाए गए विशेष बाड़े में छोड़ेंगे।

खास बात ये है कि नामिबिया से भारत तक कि यात्रा के दौरान हवा में रहते हुए ये चीते खाली पेट लाए जाऐंगे। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के मुताबिक, नामीबिया से उड़ान भरने के बाद सीधा कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को खाना दिया जाएगा। एहतियात के तौर पर, यह अनिवार्य होता है कि यात्रा के समय एक जानवर को खाली पेट होना चाहिए। ऐसा कदम इसलिए उठाया जाता है, ताकि लंबी यात्रा के दौरान जानवरों को मिचली जैसी अन्य परेशानियों का सामना न करना पड़े।

30 दिन तक क्वारंटीन रहेंगे चीते

चौहान के मुताबिक, कूनो पहुंचने के बाद चीतों को 30 दिनों तक एक बाड़े में रखा जाएगा। इस दौरान उनकी सेहत पर पूरी नजर रखी जाएगी। इसके बाद इन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा। इकोलॉजिकल बैलेंस बनाए रखने के लिए कम से कम 25-30 चीता यहां होने चाहिए, इसलिए आने वाले पांच सालों में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से और चीते भारत लाए जाएंगे।

1947 से भारत में नहीं हैं चीते

चीतों का तेजी से शिकार बढ़ जाने की वजह से ये प्रजाति संकट में आ गई थी। 1947 में देश में अंतिम तीन चीतों को मध्य प्रदेश में कोरिया के महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने मार डाला था। इसके बाद 1952 में भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर देश में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया था।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com