CAA देश का कानून, यह कभी वापस नहीं लिया जाएगा, केवल केन्द्र ही दे सकता है नागरिकता की अनुमति: अमित शाह

By: Rajesh Bhagtani Thu, 14 Mar 2024 2:04:03

CAA देश का कानून, यह कभी वापस नहीं लिया जाएगा, केवल केन्द्र ही दे सकता है नागरिकता की अनुमति: अमित शाह

नई दिल्ली। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के लागू होने के कुछ दिनों बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस अधिनियम को कभी वापस नहीं लिया जाएगा। शाह ने यह भी कहा कि राज्य सीएए को नहीं रोक सकते और केवल केंद्र ही नागरिकता की अनुमति दे सकता है।

अमित शाह ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "सीएए को कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु निर्णय है, हम इस पर कभी समझौता नहीं करेंगे।"

साथ ही एक्ट के लागू होने पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा, ''अल्पसंख्यकों या किसी अन्य व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सीएए में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।''

शाह ने कहा, "सीएए केवल अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को अधिकार और नागरिकता देने के लिए है।"

विपक्ष के इस आरोप पर कि भाजपा CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है, गृह मंत्री ने कहा, विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है, वो जो कहते हैं वो कभी करते नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक फायदे के लिए था। हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 को हटा देंगे।

साथ ही सीएए अधिसूचना के समय पर सवाल उठा रहे विपक्षी दलों का जवाब देते हुए शाह ने कहा, असदुद्दीन ओवैसी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी समेत सभी विपक्षी दल झूठ की राजनीति कर रहे हैं।

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ओवैसी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी सहित सभी विपक्षी दल झूठ की राजनीति कर रहे हैं। समय का कोई सवाल ही नहीं है। भाजपा ने 2019 में अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह सीएए लाएगी बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता देगी।

2019 में, इसे संसद द्वारा पारित किया गया था, लेकिन कोविड के कारण इसमें देरी हुई। विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति करना चाहता है और अपने वोट बैंक को मजबूत करना चाहता है। वे बेनकाब हो गए हैं और देश के लोग जानते हैं कि सीएए इस देश का कानून है। मैंने पिछले चार वर्षों में 41 बार कहा है कि इसे चुनाव से पहले लागू किया जाएगा।

शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की भी आलोचना की और कहा कि मुख्यमंत्री अपना धैर्य खो चुके हैं। उनकी यह टिप्पणी केजरीवाल के उस बयान पर आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और बलात्कार बढ़ेंगे।

"भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अपनी शांति खो बैठे हैं। उन्हें नहीं पता कि ये सभी लोग पहले से ही भारत में आ चुके हैं और रह रहे हैं। अगर उन्हें इतनी ही चिंता है, तो वह बांग्लादेशी घुसपैठियों के बारे में बात क्यों नहीं करते या विरोध क्यों नहीं करते।?"

शाह ने कहा, "केजरीवाल वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। वह विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं और उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए।"

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा CAA को "एंटी मुस्लिम" कहे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, क्या तर्क है? मुसलमानों पर इसलिए धार्मिक प्रताड़ना नहीं हो सकती क्योंकि तीनों देश घोषित इस्लामिक स्टेट हैं...इस कानून में NRC का कोई प्रावधान नहीं है। इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।

विदेशी मीडिया द्वारा तीन तलाक, CAA और अनुच्छेद 370 पर सवाल उठाए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, विदेशी मीडिया से पूछिए कि क्या उनके देश में तीन तलाक, मुस्लिम पर्सनल लॉ, अनुच्छेद 370 जैसे प्रावधान हैं।

केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल द्वारा कहे जाने पर कि वे अपने राज्यों में CAA लागू नहीं करेंगे के सवाल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, हमारे संविधान के अनुच्छेद 11 में संसद ने नागरिकता के बारे में कानून बनाने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ भारत की संसद को दिया है। यह केंद्र का विषय है, केंद्र और राज्यों का साझा विषय नहीं है...मुझे लगता है चुनाव के बाद सभी सहयोग करेंगे। वे तुष्टिकरण की राजनीति के लिए गलत प्रचार कर रहे हैं।

'क्या CAA आदिवासी क्षेत्रों की संरचना को बदलेगा' सवाल पूछे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, जरा भी नहीं। CAA आदिवासी क्षेत्रों की संरचना और अधिकारों को कमजोर नहीं करेगा या बदलेगा नहीं। हमने अधिनियम में ही प्रावधान किए हैं कि जहां भी इनर लाइन परमिट है और जो भी क्षेत्र 6वीं अनुसूची क्षेत्रों में शामिल हैं, वहां CAA लागू नहीं होगा। उन क्षेत्रों के पते वाले आवेदन ऐप पर अपलोड नहीं होगा। हमने इसे ऐप से निकाल दिया है।

असम में CAA के कार्यान्वयन और CAA और NRC के संबंध पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, NRC का CAA से कोई लेना-देना नहीं है। असम नहीं बल्कि देश के हर हिस्से में CAA लागू होगा, सिर्फ नॉर्थ ईस्ट के वह राज्य जहां दो तरह के विशेष अधिकार दिए गए हैं, सिर्फ उन्हीं इलाकों में CAA लागू नहीं होगा। इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जहां इनर लाइन परमिट (ILP) का प्रावधान है और वे क्षेत्र जिन्हें संविधान की 6वीं अनुसूची के तहत विशेष दर्जा दिया गया है।

CAA के बाद नागरिकता पाने वाले लोगों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं, बहुत सारे लोग हैं, अभी तक कोई गिनती नहीं है। जो दुष्प्रचार चल रहा है, उसके कारण कई लोग आवेदन करने में भी संकोच करेंगे। मैं यहां आवेदन करने वाले सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार पर भरोसा रखिए आपको पूर्वव्यापी प्रभाव से नागरिकता दी जाएगी। यह कानून आपको शरणार्थी के रूप में स्वीकार कर रहा है। यदि आपने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया है, तो आपके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं होगा...किसी को डरने की जरूरत नहीं है। सभी को समान अधिकार दिए जाएंगे क्योंकि वे भारत के नागरिक बन जाएंगे।

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