संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट, डिफेंस और स्पेस डील पर हुई बाइडेन और मोदी की बातचीत
By: Rajesh Bhagtani Sat, 09 Sept 2023 11:41:57
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शुक्रवार को G20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए नई दिल्ली पहुंचने के बाद सीधे प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर पहुंचे। इस दौरान उनका प्रधानमंत्री मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट तक बातचीत हुई। इस अवसर पर दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई है। इस मुलाकात को लेकर PMO ने कहा कि कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई है। दोनों नेता की बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि भारत और अमेरिका के रिश्ते और मजबूत किए जाएं।
उनकी चर्चाओं में कई तरह के मुद्दे शामिल रहे और इससे भारत और अमेरिका के बीच संबंध और गहरे होंगे। इसके पहले बाइडेन के पालम एयरपोर्ट पर उतरने के बाद केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने उन्हें रिसीव किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इसके बाद भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी और उनकी बेटी माया से भी मिले।
व्हाइट हाउस ने जारी किया संयुक्त बयान
बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने इस बात पर फिर से जोर दिया कि स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार, समावेशन, बहुलवाद और सभी नागरिकों के लिए समान अवसर के साझा मूल्य दोनों देशों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं और ये मूल्य उनके बीच के संबंधों को मजबूत करते हैं।
राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत की जी20 अध्यक्षता की सराहना की और कहा कि एक मंच के रूप में जी20 महत्वपूर्ण परिणाम दे रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और लचीले इंडो-पैसिफिक का समर्थन करने में क्वाड के महत्व की पुष्टि की।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी 2024 में भारत द्वारा आयोजित होने वाले अगले क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति बाइडेन का स्वागत करने के लिए उत्सुक नजर आए। भारत ने जून 2023 में आईपीओआई में शामिल होने के अमेरिकी फैसले के अलावा, व्यापार कनेक्टिविटी और समुद्री परिवहन पर इंडो-पैसिफिक महासागर पहल स्तंभ का सह-नेतृत्व करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया। राष्ट्रपति बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के लिए भारत का समर्थन कया। उन्होंने इस संदर्भ में 2028-29 में यूएनएससी की गैर-स्थायी सीट के लिए एक बार फिर भारत की उम्मीदवारी का स्वागत किया।
राष्ट्रपति बाइडेन ने चंद्रमा के साउथ पोल में चंद्रयान -3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के साथ-साथ भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य एल-1 के सफल प्रक्षेपण पर प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी।
रक्षा साझेदारी की प्रतिबद्धता दोहराई
दोनों नेताओं ने अगस्त 2023 में अमेरिकी नौसेना और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा हस्ताक्षरित सबसे हालिया समझौते के साथ दूसरे मास्टर शिप मरम्मत समझौते के समापन अमेरिकी नौसेना की संपत्ति और अन्य विमान और जहाजों की तैनाती की सराहना की। दोनों पक्षों ने आगे के रखरखाव और मरम्मत के लिए एक केंद्र के रूप में भारत के उद्भव को आगे बढ़ाने की सिफारिश की।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी को गहरा और विविधतापूर्ण बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। जो बाइडन ने अमेरिका से 31 ड्रोन खरीदने के लिए भारत के रक्षा मंत्रालय से अनुरोध पत्र जारी करने का स्वागत किया।
अमेरिका भारत में 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने एलायंस फॉर टेलीकॉम इंडस्ट्री द्वारा संचालित भारत 6जी एलायंस और नेक्स्ट जी एलायंस के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया।
अमेरिका अगले पांच वर्षों में भारत में 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा। इसके अलावा अमेरिका माइक्रोचिप टेक्नोलॉजी में 300 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा। अमेरिका ने क्वांटम डोमेन में भारत के साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे एक अंतरराष्ट्रीय भागीदार के रूप में शिकागो क्वांटम एक्सचेंज में शामिल हुआ।
दोनों नेताओं ने जैव प्रौद्योगिकी और जैव विनिर्माण नवाचारों में वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान सहयोग को सक्षम करने के लिए यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) और भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के बीच एक कार्यान्वयन व्यवस्था पर हस्ताक्षर करने की सराहना की। उन्होंने सेमीकंडक्टर अनुसंधान, नेक्सट जेनेरेशन कम्यूनिकेशन सिस्टम, साइबर-सुरक्षा, परिवहन प्रणालियों में अकादमिक और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एनएसएफ और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी प्रस्तावों के आह्वान का स्वागत किया।
दोनों नेताओं ने बहु-संस्थागत सहयोगात्मक शिक्षा साझेदारियों की बढ़ती संख्या का भी स्वागत किया। जैसे कि न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी-टंडन और आईआईटी कानपुर एडवांस्ड रिसर्च सेंटर और बफ़ेलो में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क के संयुक्त अनुसंधान केंद्र और आईआईटी दिल्ली के अलावा कानपुर, जोधपुर और बी.एच.यू. के बीच साझेदारी।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने अंतरिक्ष और एआई जैसे नए और उभरते डोमेन में विस्तारित सहयोग और त्वरित रक्षा औद्योगिक सहयोग के माध्यम से भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी को गहरा और विविधतापूर्ण बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
दोनों नेताओं के बीच भारत में GE F-414 जेट इंजन के निर्माण के लिए GE एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) के बीच एक वाणिज्यिक समझौते के लिए बातचीत शुरू होने का स्वागत किया, और सहयोगात्मक रूप से काम करने की सिफारिश की। साथ ही नेताओं ने सहयोगात्मक तौर पर कामकाज की सिफारिश की।
नेताओं ने अगस्त 2023 में अमेरिकी नौसेना और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा हस्ताक्षरित सबसे हालिया समझौते के साथ दूसरे मास्टर शिप मरम्मत समझौते के समापन की सराहना की।
नेताओं ने कैंसर अनुसंधान, रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन में हमारे बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग का स्वागत किया और नवंबर 2023 में भारत-अमेरिका कैंसर वार्ता के शुभारंभ की प्रतीक्षा की।
मोदी और बाइडन की मुलाकात से जुड़ी बड़ी बातें
— भारत और अमरीका ने कहा कि वे जी20 शिखर सम्मेलन में सतत विकास, बहुपक्षीय सहयोग और समावेशी आर्थिक नीतियों को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगे।
— अमरीका ने कहा है कि भारत में अगले पांच सालों में 400 मिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश किया जाएगा। इसके अलावा UNSC पर भारत की स्थाई सदस्यता के लिए अमेरिका ने अपनी तरफ से पैरवी कर दी है।
— मोदी और बाइडन ने यह भी कहा कि वे अंतरिक्ष और नवीन प्रौद्योगिकियों पर सहयोग बढ़ाएंगे और रक्षा और उच्च तकनीक व्यापार में बाधाओं को दूर करेंगे।
— दोनों नेताओं ने यह भी कहा कि वे ग्रह बचाव पर समन्वय बढ़ाएंगे और अगली पीढ़ी के छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर प्रौद्योगिकियों के विकास पर चर्चा करेंगे।
— मोदी और बाइडन नेताओं ने कहा कि साझा मूल्यों जैसे स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार, समावेश, बहुलवाद और सभी नागरिकों के लिए समान अवसर दोनों देशों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
— भारत और अमरीका के बीच कुछ रक्षा सौदे भी हुए हैं। अमेरिका भारत को आने वाले सालों में 31MQ-9B आर्म्ड ड्रोन्स देने वाला है।
— दोनों ने महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी (ICET), विशेष रूप से दूरसंचार नेटवर्क, सेमीकंडक्टर और अंतरिक्ष पर पहल के तहत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग तेज किया।