सिर्फ एक चिट्ठी ने कर दिया शिवसेना को महाराष्ट्र की सत्ता से दूर!
By: Priyanka Maheshwari Sat, 23 Nov 2019 1:42:17
महाराष्ट्र में कल रात तक खबर थी कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन सुबह सब कुछ पलट गया। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार की सुबह देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाई। वहीं अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। जब यह खबर सामने आई तो महाराष्ट्र की राजनीति में भूकंप आ गया और शिवसेना के पैरों से जमीन निकल गई। अजित पवार का एनसीपी का दामन छोड़ बीजेपी के साथ जाना बेहद चौंकाने वाला साबित हुआ।
दरअसल, कल तक अजित पवार शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने वाले थे। यहां तक कि अजित पवार तीनों पार्टियों की बैठक में भी शामिल हुए थे। लेकिन रात 12:30 बजे एक चिट्ठी ने महाराष्ट्र की राजनीति में उलटफेर कर दिया और शिवसेना को सत्ता से दूर कर दिया।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तीनों दलों की बैठक के बाद भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर एक चिट्ठी के जरिये रचा गया। रात 12:30 बजे देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार राज्यपाल से मिलने पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया।
इसके बाद राज्यपाल ने रात में ही केंद्र से सरकार बनाने की सिफारिश की और राष्ट्रपति शासन हटाने और शपथ लेने का वक्त सुबह सात बजे का तय हुआ। फिर सुबह होते ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार की सुबह देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाई। वहीं अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली।
जब यह खबर सामने आई तो सभी सकते में रह गए। यह भी कहा जा रहा है कि इस पूरे राजनीतिक उलटफेर में एक बड़े एनसीपी नेता ने बड़ी भूमिका निभाई है। हालांकि, अब तक उनकी ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। कहा जा रहा है कि अजित पवार के खेमे के विधायकों ने उन्हें विधायक दल का नेता भी चुना। वहीं, अजित पवार का कहना है कि उन्होंने शरद पवार को पहले ही सबकुछ बता दिया था।
वहीं, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने यह आरोप लगाया है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायक दल की चिट्ठी का अजित पवार ने गलत इस्तेमाल किया। उन्होंने धोखा देते हुए विधायक दल के समर्थन की चिट्ठी को राज्यपाल को सौंपा।
वही अजित पवार के बीजेपी से हाथ मिलाने की खबर सामने आने के बाद शरद पवार बोले कि ये फैसला पार्टी का नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। शरद पवार ने कहा कि न ही एनसीपी के विधायक और न ही कार्यकर्ता बीजेपी ज्वाइन करेंगे। सच्चे कार्यकर्ता कभी बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएंगे। हम बीजेपी के खिलाफ हैं। शरद पवार ने कहा कि 10 से 11 विधायक अजित पवार के साथ गए हैं। मुझे भी शपथग्रहण का पता सुबह चला। फिलहाल अभी कौन-कौन गया है इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन विधायकों के खिलाफ जो ऐक्शन लेना होगा लेंगे। शरद पवार ने कहा कि बीजेपी को समर्थन का फैसला अजित पवार का है। हम कतई इसके पक्ष में नहीं हैं। देवेंद्र फडणवीस सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे।
वही महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले का कहना है कि पार्टी और परिवार में टूट हो गई है। सुप्रिया सुले ने वाट्सअप स्टेट्स के जरिए यह बात कही है।