GST काउंसिल की 21 वीं बैठक - SUV और बड़ी कारों पर GST सेस बढ़ा
By: Priyanka Maheshwari Sat, 09 Sept 2017 11:54:17
आम इस्तेमाल की 30 वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में शनिवार को कटौती की गई, जबकि मध्य और उच्च खंड की कारों पर सेस में बढ़ोतरी की गई। साथ ही रिटर्न दाखिल करने में आ रही तकनीकी गड़बड़ियों को देखने के लिए एक पांच-सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। वस्तु एवं सेवा कर परिषद (जीएसटी) की हैदराबाद में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस बैठक में जुलाई का जीएसटीआर-1 रिटर्न दाखिल करने की तिथि 10 अक्टूबर तक बढ़ाने का भी फैसला किया गया है। आइये जानते हैं ये कौन से फैसले हैं और इनका क्या असर पड़ेगा।
- वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद विभिन्न वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में विसंगतियों को दूर करते हुए जीएसटी काउंसिल ने अमीरों की कारों पर सेस की दर बढ़ाने और आम लोगों के इस्तेमाल की करीब ढाई दर्जन चीजों पर टैक्स में कमी करने का फैसला किया है।
- राज्यों के वित्त मंत्रियों ने जीएसटी नेटवर्क के पोर्टल में तकनीकी खामियों के चलते कारोबारियों को हो रही परेशानी का मुद्दा भी उठाया जिसके बाद काउंसिल ने इस मुद्दे के हल के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाने का फैसला किया।
- इस मंत्रिसमूह में किन-किन राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे, यह तय करने का अधिकार काउंसिल ने जेटली को सौंपा है। जेटली का कहना है कि यह मंत्रिसमूह नियमित रूप से जीएसटीएन के साथ संपर्क में रहेगा और अगले दो-तीन दिनों में समूह का गठन कर दिया जाएगा।
- काउंसिल के इस कदम के बाद अब मझोली, बड़ी और एसयूवी कारें महंगी हो जाएंगी। वहीं साड़ियों के फॉल, मिट्टी की मूर्तियां, झाड़ू प्लास्टिक के रेनकोट, रबर बैंड और धूपबत्ती जैसी कई वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी।
- काउंसिल ने केंद्रीय खादी ग्र्रामोद्योग आयोग (केवीआइसी) द्वारा बेचे जाने वाले खादी उत्पादों पर जीएसटी से रियायत दे दी है। हालांकि दूसरे दुकानदारों पर बिकने वाले खादी उत्पादों पर पूर्ववत पांच फीसद टैक्स लगेगा।
- जीएसटी नेटवर्क में खामियों को देखते हुए काउंसिल ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा में ढिलाई देने का भी फैसला किया है। कारोबारी अब जुलाई का रिटर्न (जीएसटीआर-1) दस अक्टूबर तक दाखिल कर सकेंगे। साथ ही उन्हें कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुनने के लिए भी 30 सितंबर तक वक्त दिया गया है।
- काउंसिल ने सबसे अहम निर्णय लक्जरी कारों पर सेस की दर बढ़ाने का लिया है। मिड सेगमेंट की कारों पर सेस की दर में 2 प्रतिशत, लार्ज कारों पर सेस में 5 प्रतिशत और एसयूवी पर सेस में 7 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय किया है। इन कारों पर 28 फीसद जीएसटी के साथ 15 फीसद सेस पहले से ही लगता है।
- काउंसिल के इस फैसले के बाद मिड सेगमेंट की कारों पर अब जीएसटी व सेस मिलाकर 45 प्रतिशत, लार्ज कार पर 48 प्रतिशत और एसयूवी पर 50 प्रतिशत हो जाएगा।
- आम लोगों के इस्तेमाल वाली छोटी कारों (पेट्रोल की 1200 सीसी और डीजल की 1500 सीसी) पर सेस की दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसी तरह 13 सीटर वाहनों और हाइब्रिड कारों पर भी जीएसटी व सेस की वर्तमान दर ही बरकरार रखी है।
- काउंसिल ने जीएसटी नेटवर्क में तकनीकी खामियों को देखते हुए रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने का भी फैसला किया है। कारोबारी अब जुलाई माह की आपूर्ति का ब्यौरा फार्म जीएसटीआर-1 के रूप में भरकर 10 अक्टूबर तक दाखिल कर सकेंगे। जीएसटीआर-1 जमा करने की अंतिम तिथि आज समाप्त हो रही थी।
इसके बाद वे 31 अक्टूबर तक जीएसटीआर-2 और 10 नवंबर तक जीएसटीआर-3 जमा कर सकेंगे। साथ ही वे जीएसटीआर-3बी के रूप में अपने टर्नओवर का ब्यौरा दिसंबर तक दे सकेंगे। फिलहाल यह सुविधा सिर्फ जुलाई और अगस्त के लिए ही थी।