1981 फिरोजाबाद नरसंहार: UP के दिहुली गांव में सामूहिक हत्याकांड के 44 साल बाद तीन दोषियों को मौत की सजा
By: Rajesh Bhagtani Tue, 18 Mar 2025 5:48:37
मैनपुरी। 44 साल के इंतजार के बाद उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक विशेष डकैती अदालत ने सनसनीखेज डिहुली गांव नरसंहार मामले में तीन दोषियों को मौत की सजा सुनाई, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित 24 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जबकि एक दोषी फरार है, जबकि पुलिस हिरासत में मौजूद दो अन्य आज अदालत के सामने पेश हुए और खुद को निर्दोष बताया।
रिपोर्ट के अनुसार, 18 नवंबर 1981 की शाम को, फिरोजाबाद के जसराना पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत दिहुली गांव की एससी कॉलोनी में हथियारबंद बदमाशों का एक समूह घुस आया और घरों में मौजूद पुरुषों, महिलाओं और यहां तक कि बच्चों पर भी गोलियां चला दीं। गोलीबारी तीन घंटे तक लगातार जारी रही, जिसमें 23 लोग मौके पर ही मारे गए। एक अन्य पीड़ित ने फिरोजाबाद के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
हत्याकांड के बाद स्थानीय निवासी लायक सिंह ने 19 नवंबर को जसराना थाने में तहरीर देकर राधेश्याम उर्फ राधे, संतोष चौहान उर्फ संतोषा, रामसेवक, रविंद्र सिंह, रामपाल सिंह, वेदराम सिंह, मिट्ठू, भूपराम, मानिक चंद्र, लटूरी, राम सिंह, चुन्नीलाल, होरीलाल, सोनपाल, लायक सिंह, बनवारी, जगदीश, रेवती देवी, फूल देवी, कप्तान सिंह, कमरुद्दीन, श्यामवीर, कुंवरपाल और लक्ष्मी समेत 20 से ज्यादा लोगों पर आरोप लगाया था। पुलिस ने सामूहिक हत्याकांड की जांच शुरू कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। जिला कोर्ट में शुरुआती सुनवाई के बाद केस प्रयागराज ट्रांसफर कर दिया गया था। वहां से फिर केस मैनपुरी स्पेशल जज डकैती कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया, जहां पिछले 15 साल से केस की सुनवाई चल रही है।
इस महीने की शुरुआत में 11 मार्च को डकैती कोर्ट की जज इंदिरा सिंह ने तीन आरोपियों को सामूहिक हत्याकांड का दोषी पाया और सजा सुनाने के लिए 18 मार्च (मंगलवार) की तारीख तय की। आज आरोपी कप्तान सिंह और रामसेवक ने कोर्ट में पेश होकर खुद को निर्दोष बताया। तीसरा दोषी रामपाल अभी फरार है। सभी आरोपियों में से अब सिर्फ तीन ही जिंदा हैं।
आज अपने अंतिम फैसले में कोर्ट ने तीनों दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। नरसंहार में जान गंवाने वालों में राम दुलारी, श्रृंगारबती, शांति, राजेंद्र, रामसेवक, राजेश, ज्वाला प्रसाद, राम प्रसाद, शिव दयाल, भुवनेश, भरत सिंह, दाता राम, लीलाधर, मानिक चंद, भूरे, कुमारी शीला, मुकेश, धन देवी, गंगा सिंह, गजाधर, प्रीतम सिंह, आशा देवी, लालताराम, गीतम शामिल हैं।