शीर्ष नक्सली नेता सहित छत्तीसगढ़ के कांकेर में ऑपरेशन के दौरान मारे गए 18 नक्सली
By: Rajesh Bhagtani Tue, 16 Apr 2024 7:26:28
कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की टीमों के संयुक्त अभियान में मंगलवार को उनके एक शीर्ष नेता सहित कम से कम 18 नक्सली मारे गए। पुलिस ने बताया कि नक्सली नेता शंकर राव के सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम था।
पुलिस अधीक्षक कल्याण एलिसेला ने कहा कि चार एके-47 राइफलों सहित भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए। अब तक 18 शव बरामद किए जा चुके हैं, साथ ही बड़ी संख्या में ऑटोमैटिक राइफलें भी बरामद की गई हैं। जानकारी के मुताबिक 3 पुलिसकर्मी इस मुठभेड़ में घायल हुए हैं।
SP कल्याण एलिसेला ने पुष्टि की है कि मुठभेड़ में 18 नक्सली मारे गए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि टॉप नक्सली कमांडर शंकर राव भी मारा गया। शंकर राव 25 लाख का इनामी था। 7 AK47 राइफल के साथ 1 इंसास रायफल और 3LMG भी बरामद हुई।
नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी BSF टीम
पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी कर कहा, बीएसएफ और डीआरजी की टीमों द्वारा 16 अप्रैल को कांकेर के गांव बीनागुंडा में एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। तभी बीएसएफ ऑप्स पार्टी पर सीपीआई माओवादी कैडरों की गोलीबारी हुई और बीएसएफ सैनिकों ने उनके खिलाफ प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की। इसके अलावा 1 BSF कर्मी के पैर में गोली लगी और अब वह खतरे से बाहर है।
यह ऑपरेशन अभी भी जारी है और अब तक मारे गए 18 नक्सलियों के शव, 7 AK 47 राइफलें और 3 लाइट मशीन गन घटना स्थल से बरामद किए गए हैं।
कांकेर में दूसरे चरण में होने हैं चुनाव
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कांकेर लोकसभा क्षेत्र में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव होंगे। हालांकि कांकेर बस्तर संभाग का हिस्सा है और बस्तर
लोकसभा क्षेत्र में 19 अप्रैल को पहले चरण में चुनाव होगा, लेकिन बस्तर लोकसभा क्षेत्र में कांकेर नहीं है। कांकेर एक अलग लोकसभा क्षेत्र है और वहां 26 अप्रैल को वोटिंग होगी।
छत्तीसगढ़ में रायपुर और जगदलपुर
के बीच स्थित कांकेर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें शामिल हैं, जिनमें से छह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इन विधानसभा सीटों में गुंडरदेही, संजारी बालोद, सिहावा (एसटी), डोंडी लोहारा (एसटी), अंतागढ़
(एसटी), भानुप्रतापपुर (एसटी), कांकेर (एसटी) और केशकाल (एसटी) शामिल हैं। मूल रूप से बस्तर जिले का हिस्सा, कांकेर 1998 में एक अलग जिला बन गया।