स्वाद का समुद्र हैं वाराणसी, यहां के ये 8 प्रसिद्द आहार बनाते हैं सफ़र को यादगार

By: Ankur Mon, 21 Mar 2022 6:02:16

स्वाद का समुद्र हैं वाराणसी, यहां के ये 8 प्रसिद्द आहार बनाते हैं सफ़र को यादगार

जब भी कभी संस्कृति, रीति-रिवाज, मंदिरों की बात की जाती हैं तो वाराणसी का नाम सामने आता हैं जहां लोग दर्शन करने पहुंचते हैं। वाराणसी को बनारस के नाम से भी जाना जाता हैं। यहां के मशहूर घाट औऱ मंदिर इसे आकर्षक बनाने का काम करते हैं। लेकिन इसी के साथ ही यह अपने खानपान को लेकर भी बहुत मशहूर हैं। यहां के स्थानीय व्यंजन स्वाद का समुद्र हैं जिसमें सभी डूबना पसंद करते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको वाराणसी के प्रसिद्द व्यंजनों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनका यहां जाए तो जरूर स्वाद लेना चाहिए। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...

famous dishes of varanasi,holidays,travel,tourism


कचौड़ी-सब्ज़ी

इसका नाश्ता दोनों, अथवा पत्तों से बने कटोरों, में परोसा जाता है। दिलचस्प बात यह है कि यहाँ की कचौड़ी, भारत के अन्य हिस्सों में पाई जाने वाली, आटे में भरावन भरकर तेल में तलकर तैयार की जाने वाली परंपरागत कचौड़ी, की तरह नहीं होती है, बल्कि यह गेहूँ के अखामीरी आटे से बनी पूड़ी होती है, जिसे दो बार तेल में तला जाता है। इसके साथ आलू की तीखी सब्जी परोसी जाती है। इस कचौड़ी-सब्ज़ी की दो अलग-अलग किस्में होती हैं, बड़ी और छोटी, जिन्हें क्रमशः बड़ी और छोटी कचौड़ी कहा जाता है। बड़ी कचौड़ी में दाल भरी जाती है और इसे दाल-की-पीठी कहा जाता है, और छोटी में मसालेदार आलू का मिश्रण होता है, जिसे काले चने के साथ परोसा जाता है। कचौड़ी-सब्ज़ी केवल सुबह ही मिलती है, इसलिए, इससे पहले कि दुकानें इसे छोड़ शाम के नाश्ते की चीज़ें बेचना शुरू कर दें, आपको इन्हें खाने के लिए जल्दी ही बाज़ार पहुँचना होगा।

famous dishes of varanasi,holidays,travel,tourism

मलाई पुड़ी

'बनारसी मलाई पुड़ी का अपना जायका है गोरस की तरी मतलब रबड़ी, पिस्ता-बादाम का जहूरा और ऊपर से चीनी की मिठास। हाथ में दोना थामे खाने वाले कुछ ऐसे मगन कि जायका मानो सब कुछ भुला देने को बेताब हो। कड़ाहे में खौलता दूध मानो गोपनीय 'रेसिपी' की पहली कड़ी हो। कोठियों की दावतों में पहले इसे स्पेशल आर्डर देकर बनवाया जाता था अब कोई भी इसका जायका ले सकता है।

famous dishes of varanasi,holidays,travel,tourism

बनारसी ठंडई

बनारस का सफ़र यहाँ की ठंडई के स्वाद के बिना पूरा नहीं हो सकता है। गोदौलिया चौक में स्थित बादल ठंडई शॉप, और ब्लू लस्सी शॉप में बेची जाने वाली, वाराणसी की ठंडई, एक दूध आधारित पेय है। इसका मूलतत्त्व सूखे मेवों, मौसमी फलों और सौंफ के बीज, इलायची और केसर जैसे मसालों का मिश्रण होता है, जो खल्ल और मूसल में महीन चूर्ण के रूप में तैयार किया जाता है। काली मिर्च और भांग मिली हुई ठंडाई भीषण गर्मी में खूब राहत देती है।

famous dishes of varanasi,holidays,travel,tourism

चाय

मोहल्ला अस्सी में पप्पूी के इस चाय की अड़ी को सही मायने में मनोज के पिता पप्पू भइया के तौर पर पहचाना जाता है। फिल्म मोहल्लाू अस्सीअ के किरदार आज भी यहां चाय की चुस्कीक लेते नजर आते हैं। अनूठी चाय के लाजवाब स्वाद और ताजगी का राज और इसे तैयार करने की विधि और पेश करने का खास अंदाज है। बनाने का तरीका और धीमी आंच पर जयका जुबान पर ऐसा चढता है मानो चाय का पूरा बागान ही कुल्ह ड में उमड पडने को बेताब है। खास तो सभी चाय की अडियां हैं मगर कुल्हरड की चाय के लिए चौबीसों घंटों आबाद रहने वाली चाय की अडियों की अपनी अपनी नायाब कहानी है।

famous dishes of varanasi,holidays,travel,tourism


नायाब लस्सी

काशी के अपने नायाब आइटम की रेसिपी में प्याज, मिर्च, अदरक, नींबू, जीरा, फेनी, काला नमक, पुदीना, आम की चटनी, गन्ने का सिरका और सादा नमक का नाम लस्सीक में आए तो समझिए यह सत्तूा की लस्सीक है। हालांकि गर्मियों में ही यह जुबान पर चढती है मगर जब तक दुकान सजेगी तब तक भीड़ खिंची चली आएगी। वैसे यहां दही और मेवे की लस्सीं से लेकर रामनगर की रबडी वाली लस्सीड भी देसी विदेशी जुबान की लार टपकवाने के लिए काफी है। यहां पुरानी काशी में गली गली में लस्सीड की दुकानें अपनी अलग पहचान रखती हैं।

famous dishes of varanasi,holidays,travel,tourism

जलेबी का स्वाद इसलिए होता है खास

वैसे तो जलेबी आपको हर जगह मिल जाएगी, पर यहां की जलेबी कुछ खास होती है। बनारसी हलवाई जलेबी बनाने वाले मैदे पर बेसन का हल्का-सा फेंटा मारते हैं। जलेबियां कितनी स्वादिष्ट बनेंगी, यह फेंटा मारने की समझदारी पर निर्भर करता है। यह कितनी देर तक और कैसे फेंटा मारना है यह कला सिर्फ बनारसी हलवाई ही अच्छी तरह जानते हैं। तो जाहिर है यहां की जलेबी अपनी अलग ही पहचान बनाएंगी।

famous dishes of varanasi,holidays,travel,tourism

मलाई मिठाई

मलइयो बनारस की वो मिठाई है जो ठोस भी है द्रव भी और गैस भी। यह जुबान में जाते ही कब घुल जाती है पता ही नहीं चलता। मलइयो ओस की बनी वह मिठाई है जो देखने में ठोस, द्रव, गैस तीनों का भरम पैदा करती है। इस छुई-मुई जादुई मिठाई मलइयो को बनारसी बडे चाव के साथ खाते हैं। चमत्कारी तो ऐसी है कि कुल्हड़ के कुल्हड़ हलक से उतर जाने के बाद भी आप तय नहीं कर पाएंगे कि आपने मलइयो खाया या पिया है। स्वाद का जादू ऐसा मानो जुबां से जिगरे तक खिल उठी, तरावट से भरपूर केसर की क्यारी सरीखी नजर आती हैं। अब मलइयो के कड़ाहे शहर में हर जगह दिखने लगे हैं मगर एक समय था जब इस पर नगर के पक्के महाल का एकाधिकार हुआ करता था। काशी में मलइयो तंग गलियों से निकल कर सजीली दुकानों का खास आइटम बन चुका है मगर संकरी गलियों में बसे 'पक्के महाल' के यादव बंधुओं का मलइयो बनाने का फार्मूला किसी वैद्यराज के सूत्रों से कम गोपनीय नहीं है।

famous dishes of varanasi,holidays,travel,tourism


बाटी और चोखा

काशी में लोटा भंटा मेला बाटी और चोखा का लगता है जिसका भोग पहले बाबा भोलेनाथ को लोग लगाते हैं। रामेश्वलर क्षेत्र में लोटा भंटा का सदियों पुराना मेला त्रेतायुगीन माना जाता है। हालांकि बाटी चोखा यहां का सबसे पसंदीदा जायका है। बैगन, आलू, टमाटर भूनने के बाद इससे बना चोखा और बाटी का जायका लोगों को काफी पसंद है। यहां बलिया के लगने वाले ठेले ही नहीं बल्कि स्थाबनीय रेस्टोारेंट भी अब बाटी चोखा ब्रांड को भुनाने में लगे हैं। इसमें चने का सत्तू् ही नहीं बल्कि पनीर का भी प्रयोग काफी दिलकश है। यहां मेकुनी, लिटटी, बाटी और टिक्ककर के स्वनरूप में यह अस्तित्व आज भी बनाए हुए हैं।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com