इन देशों में सबसे ज्यादा तनाव में रहते हैं लोग, करना पड़ता हैं कई घंटों काम

By: Ankur Thu, 22 Sept 2022 5:30:59

इन देशों में सबसे ज्यादा तनाव में रहते हैं लोग, करना पड़ता हैं कई घंटों काम

हर किसी को अपना जीवन-यापन करने के लिए काम करने की जरूरत पड़ती हैं जिससे हुई कमाई से उनका घर का खर्चा चलता हैं। हर कोई ऐसा काम चाहता हैं जिसमें उसे कम मेहनत करनी पड़े और खुद के लिए समय मिल सकें। काम करने का एक नियत समय हो तो ऐसा मुमकिन हैं। लेकिन दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां कर्मचारियों से आवश्यकता से अधिक मात्रा में काम करवाया जाता है। ऐसे में वे तनावभरी जिंदगी जीने पर मजबूर हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां कर्मचारी काम को लेकर काफी एडिक्टिव हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन देशों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां कई घंटे काम करना पड़ता हैं।

high level of tension,countries with high level of tension,चीन,कोलंबिया,दक्षिण कोरिया,टर्की,रूस,दक्षिण अफ्रीका

# चीन

चीन अपने कर्मचारियों से सबसे ज्यादा काम करवाने के लिए जाना जाता है। चीन में एक कर्मचारी से औसत घंटों से ज्यादा देर तक काम लिया जाता है। इस कारण यहां पर युवा अब भड़कने लगे हैं। यहां पर लोग सप्ताह के 6 दिन रोजाना 12-12 घंटे काम करके परेशान हैं। यहां के युवा 12 घंटे के काम करने की अवधि को कम करवाने की मांग कर रहें हैं। वहीं चीनी सरकार इस अभियान की पहुंच को कम करने के लिए सेंसरशिप लगा रही है।

high level of tension,countries with high level of tension,चीन,कोलंबिया,दक्षिण कोरिया,टर्की,रूस,दक्षिण अफ्रीका

# कोलंबिया

कानून के अनुसार कोलंबियाई लोग सप्ताह में मैक्सिमम 48 घंटे काम कर सकते हैं, और जो कोई भी रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच काम करता है, उसे 135% का भुगतान किया जाता है। यहां बिजनेस करने वाले लोगों का समय सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच है और बल्कि पब्लिक ऑफिस में सुबह 8 बजे से 6 बजे के बीच है।

high level of tension,countries with high level of tension,चीन,कोलंबिया,दक्षिण कोरिया,टर्की,रूस,दक्षिण अफ्रीका

# दक्षिण कोरिया

दक्षिण कोरिया में भी पहले एक साल में कर्मचारी से लगभग 2060 घंटे काम लिया जाता था। बाद में सरकार द्वारा कुछ नियमों में बदलाव कर काम करने की अवधि को कम कर दिया गया। दक्षिण कोरिया में अभी भी हर हफ्ते कर्मचारी को 52 घंटे काम करना होता है।

high level of tension,countries with high level of tension,चीन,कोलंबिया,दक्षिण कोरिया,टर्की,रूस,दक्षिण अफ्रीका

# भारत

भारत में भी वर्करों से ज्यादा काम लिया जाता है। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के आंकड़ों की मानें तो शहरों में औसतन एक कर्मचारी हर हफ्ते 53 से 54 घंटे काम करता है और गांव में 46 से 47 घंटे। आंकड़ों के मुताबिक भारत में कर्मचारियों पर काम का दबाव बहुत ज्यादा है। अमेरिका के मुकाबले भारत में कर्मचारी हर हफ्ते औसतन 11 घंटे काम करते हैं, जबकि ब्रिटेन और इजरायल के मुकाबले भारतीय 12 घंटे अधिक काम करते हैं। हालांकि, चीन के मुकाबले भारतीय महज दो घंटे ज्यादा काम करते हैं।

high level of tension,countries with high level of tension,चीन,कोलंबिया,दक्षिण कोरिया,टर्की,रूस,दक्षिण अफ्रीका

# टर्की

टर्की में लोग हफ्ते में 46.4 घंटे काम करते हैं। यह देश के श्रम अधिनियम 2003 में स्थापित 45-घंटे के कार्य सप्ताह से अधिक है। तुर्की कानून के अनुसार, यहां मैक्सिमम साल का ओवरटाइम है 270 घंटे।

high level of tension,countries with high level of tension,चीन,कोलंबिया,दक्षिण कोरिया,टर्की,रूस,दक्षिण अफ्रीका

# रूस

रूस देश में भी व्यक्ति आवश्यकता से अधिक काम करता है। इस देश में सरकार ने ये नियम बना रखा है कि एक व्यक्ति सप्ताह में औसतन 40 घंटे ही काम कर सकता है और अगर वह ओवर टाइम करना चाहता है तो उससे हफ्ते में 50 घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता। इसके बावजूद रूस की आबादी घर से ही काम करती है, ताकि ज्यादा से ज्यादा पैसे को कमाया जा सके।

high level of tension,countries with high level of tension,चीन,कोलंबिया,दक्षिण कोरिया,टर्की,रूस,दक्षिण अफ्रीका

# दक्षिण अफ्रीका

दक्षिण अफ्रीका में औसत कार्य सप्ताह 42.8 घंटे से भी लंबा होता है। कम आय वाले श्रमिकों को सप्ताह में 10 घंटे से अधिक ओवरटाइम या एक दिन में 12 घंटे से अधिक काम करने से मना करने का भी अधिकार है।

high level of tension,countries with high level of tension,चीन,कोलंबिया,दक्षिण कोरिया,टर्की,रूस,दक्षिण अफ्रीका

# जापान

जापान इकलौता ऐसा देश है जहां की आबादी को काम करने की सनक सबसे ज्यादा रहती है। यहां पर लोगों को काम करने का एडिक्शन हो चुका है। जापान में रोजाना लोग 16-16 घंटे काम करते हैं। यहां पर कर्मचारियों को पेड लीव भी मिलती है। इसके बावजूद वे छुट्टियां नहीं लेते। इसे देखते हुए यहां की सरकार, कर्मचारियों को निश्चित समय के लिए जबरदस्ती छुट्टी देती है, ताकि कर्मचारियों का तनाव घटे और उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com