स्वाद के प्रेमी हैं तो चले आइये बुंदेलखंड, ये 10 व्यंजन देंगे परंपरागत जायका
By: Ankur Wed, 21 Sept 2022 4:03:37
स्वाद के प्रेमी लोग घूमने के लिए ऐसी जगहों की तलाश में रहते हैं जहां एक से बढ़कर एक जायके लेने को मिले। भारत देश में हर क्षेत्र अपने अलग खानपान और स्वाद की विशेषता लिए हुए हैं। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं बुंदेलखंड की जो अपने परंपरागत व्यंजनों के लिए जाना जाता हैं। बुंदेलखंडी व्यंजन थोड़े सादे होते हैं जिनमें तेल का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता हैं। मीठे व्यंजनों में यहां की रबड़ी का तो जबाव ही नहीं, जो कि पूरे देश में प्रसिद्ध है। हांलाकि शहरों में परंपरागत व्यंजन लुप्त होने लगे हैं, लेकिन गावों में आज भी आपको बुंदेलखंड का परंपरागत जायका मिल जाएगा। आइये जानते हैं बुंदेलखंड के इन प्रसिद्द व्यंजनों के बारे में...
# रबड़ी
रबड़ी बनाने के लिए मलाई वाले दूध को मंदी-मंदी आंच पर गाढ़ा होने तक धीरे-धीरे पकाया जाता है। फिर इसमें चीनी मिलाकर मिठा किया जाता है। वैसे कभी-कभी रबड़ी में मिठास के लिए गुड़ भी डाला जाता है। ठंडी-ठंडी को गरमा गरम जलेबियों के साथ भी खाया जाता है।
# आंवले की सब्जी
आंवले की सब्ज़ी बनाने के लिए पहले आंवले के बीज को हटाकर उसके टुकड़े किये जाते हैं। फिर खड़े मसालों को पीसकर उसका पाउडर तैयार किया जाता है। इसके बाद पैन में तेल के साथ प्याज, टमाटर और इन मसालों को अच्छी तरह भुना जाता है। बाद में आंवला डालकर धीमी आंच पर पकाया जाता है। इस सब्जी को यहां लोग 7-8 दिनों तक खाते हैं।
# पापड़ी चाट
दही भल्ले या पपड़ी चाट की तश्तरी जब दही-सोंठ के साथ सजकर सामने आती है तो अच्छे अच्छों के मुंह में पानी आ जाता है। मूंग या उड़द की दाल की पकौड़ियों को पानी में भिगोकर रखा जाता है। फिर हल्के हाथ से दबाकर इनका पानी निकालकर, इसमें ऊपर से ऊबले आलू (छोटे पीस में कटे हुए), उबले काबुली चने, नमक तथा अन्य कई मसाले बुरके जाते हैं। बाद में इसमें इमली से बनी खट्टी-मीठी सोंठ, फेंटी हुई दही तथा ताजे कटे घनिये से सजाया जाता और ठंडा-ठंडा परोसा जाता है।
# मिर्ची का सालन
मिर्च का सालन एक प्रकार की करी होती है। जिसमें भरपूर मात्रा में मिर्ची का इस्तेमाल होता है। इसे रोटी और जीरा राइस (जीरा चावल) के साथ लोग खाना पसंद करते हैं। इसमें पकाई जाने वाली मिर्च थोड़ी मोटी होती है। जो की आम मिर्च की तुलना में थोड़ी कम तीखी होती है। इसे आप अपनी इच्छा के अनुसार तेज़ चटकदार बना सकते हैं।
# ड्राईफ्रूट्स के लड्डू
खाने के बाद मीठा खाना बहुत लोगों को पसंद होता है। वहीं लड्डू तो बहुत से लोगों की मनपसंदीदा मिठाई भी होती है। अगर ड्राईफ्रूट्स वाले लड्डू की बात की जाये तो ये ख़ास तौर पर सर्दियों के मौसम में बनाये जाते हैं। जिसे खाने के बाद शरीर में गर्मी रहती है। गुड़, काजू, बादाम और भी कई तरह के ड्राईफ्रूट्स से तैयार होने वाला ये लड्डू खाने में बहुत ही मज़ेदार होता है।
# कढ़ी
खट्टी दही में बेसन मिलाकर कढ़ी बनायी जाती है। देखने में काफी गाढ़ी और स्वाद में खट्टी यह कढ़ी, ऊबले हुए चावलों या रोटी के साथ खाने में बहुत स्वादिष्ट लगती है और लोग अपनी पसंद के हिसाब से इसमें आलू या प्याज की पकौड़ियां भी डालते हैं, जिन्हें थोड़ा ज्यादा तीखा बनाया जाता है, ताकि कढ़ी खाते समय जैसे ही थोड़ा चटपटा जायके का मन करे तो उस समय यह पकौड़ी तोड़ कर कढ़ी के ही साथ खायी जाती है।
# दाल बाफले
बुंदेलखंड में पूरी थाली को दाल बाफले कहा जाता है। जिसमें दाल तड़का और बाफले एक बॉल होती है जिसमें अंदर पूरा मसाला भरा होता है। काफी हद तक ये दाल बाटी जैसी होती है। बुंदेलखंडी स्वाद देने वाले बाफले में देसी घी की बहुत ज्यादा मात्रा होती है।
# कचौड़ी
गोल-गोल, फूली हुई सी, कुरकुरी-खस्ता कचौड़ी, बनती है मैदा से जो उत्तर भारतीय नाश्ते में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इन कचौड़ियों को उड़द या मूंग की पिसी हुई दाल से बनी पिट्ठी से भरकर बनाया जाता है। यह पिट्ठी बनाने में दरदरी सी पिसी दाल तके मिश्रण में लाल मिर्च पाउडर, बेसन, काली मिर्च और नमक सहित कई सारे मसाले डाले जाते हैं। बाद में कचौड़ी को सुनहरा होने तक तला जाता है। कढ़ाही से गरमा गरम छन छनकर आती यह खस्ता कचौड़िया कई तरह की चटनियों और आलू की सब्जी के साथ बेमिसाल लगती हैं।
# खोपरा पाक
बुंदेलखंड का दूसरा मशहूर डेजर्ट खोपरा पाक है। जिसे नारियल बर्फी के नाम से भी जाना जाता है। ताजे नारियल, मावा, दूध और चीनी से मिलकर तैयार होने वाला खोपरा पाक बहुत ही मज़ेदार होता है।
# छेना
झांसी की मिठाईयों का जिक्र आते ही जबान पर सबसे पहले छेने की मिठाईयों के नाम आते हैं। ये भी कहा जा सकता है कि छेने के जिक्र के बिना यहां की मिठाईयों की कल्पना ही नहीं की जा सकती। फिर बात चाहे ठंडी-ठंडी रसमलाई की हो या फिर गरमा गरम छेना जलेबी हो। यहां के खान-पान में छेने का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। स्पंजी रसगुल्ला, छेना खीरी और संदेश कुछ ऐसी स्वादिष्ट मिठाईयां है, जिनका मुख्य आधार छेना ही है। छेना, छूने और देखने मेंं काफी नर्म और थोड़ा भुरभुरा सा होता है और इसे बनाने के लिए मुख्यतः गाय के दूध का ही इस्तेमाल किया जाता है।