सर्दियां आते ही सताने लगता हैं बच्चों को ठंड लगने का डर, इन तरीकों से गर्म रखें उनका शरीर
By: Neha Wed, 28 Dec 2022 4:33:32
सर्दियों का मौसम जारी हैं जहां उत्तर भारत के कई हिस्सों में तापमान शून्य से नीचे जाने लगा हैं। ऐसी सर्दियों में जहां आम इंसान के बीमार होने का खतरा बना रहता हैं, तो ऐसे में बच्चों को ठंड लगना बेहद आम बात हैं। सर्दिसयों में बच्चे जल्दी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। इसका कारण है उनकी कमजोर इम्युनिटी। इस मौसम में बच्चों को कोल्ड, फ्लू और वायरल संक्रमण जैसी बीमारियां आसानी से अपना शिकार बना सकती हैं। इस मौसम में हर मां के लिए सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि वे अपने बच्चों में गरमाहट कैसे रखें और उन्हें सर्दी से कैसे बचाकर रखें। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से बच्चो का शरीर गर्म रहेगा और बीमार होने का खतरा कम हो जाएगा। आइये जानते हैं इन तरीकों के बारे में...
अपने बच्चे को कपड़े अच्छी तरह पहनाएं
नवजात और छोटे बच्चों को कपड़े अच्छी तरह पहनाए जाने चाहिए। उन्हें न तो कम कपड़े पहनाएं और न ही ज़्यादा। इस मामले में पालन करने के लिए सबसे अच्छा नियम यह है कि आपको गर्म रहने और आरामदायक बने रहने के लिए जितनी सतहों की ज़रूरत होती है, बच्चे को उससे एक ज़्यादा सतह पहनाएं। बच्चों को कपड़ों की कई सतह पहनाएं, ताकि डायपर बदलने के दौरान कपड़े खराब न हों। अपने बिस्तर के आसपास कुछ अतिरिक्त गर्म कपड़े भी रखें। सर्दिमयों में बच्चे के तलवे को मोजे से ढककर रखेंगे, तो शरीर का तापमान, बाहरी वातावरण से प्रभावित नहीं होगा। इसके साथ ही बच्चे का सिर, हाथ और कान ढककर रखने से भी ठंडी हवा शरीर में प्रवेश नहीं कर पाती है।
बच्चे के शरीर की मालिश करें
सर्दिेयों के दिनों में बच्चे के शरीर को गरम रखने के लिए मालिश की मदद ले सकते हैं। ठंड के दिनों में बच्चों के शरीर को मालिश करेंगे, तो त्वचा भी स्वस्थ रहेगी और सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण भी नजर नहीं आएंगे। हफ्ते में 2 से 3 बाद स्नान कराने से पहले मालिश कर सकते हैं। बच्चे के शरीर की मालिश के लिए सरसों का तेल या नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रखें कि बच्चों का शरीर ठंडी हवा के संपर्क में आने से बीमार हो जाता है इसलिए खुले स्थान में मालिश न करें। शिशु को मालिश के तुरंत बाद शरीर को तौलिए या कपड़े से ढक दें।
नॉर्मल बेडशीट की जगह फ्लीस बेडशीट बिछाएं
ये सबसे पहला स्टेप है जो बेड को गर्म रखेगा। बच्चों के बेड के लिए कार्टून स्टाइल की बेडशीट्स लेकर आएं जो उन्हें पसंद आएं। इन दिनों स्थानीय मार्केट्स में आपको ऐसी दोहर के नाम पर फ्लीस की पतली चादरें भी मिल जाएंगी जो बेडशीट का काम आसानी से कर सकती हैं। ये आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकती हैं। ये नर्म होती हैं तो आपका बच्चा इसमें कंफर्टेबल भी रहेगा और साथ ही साथ उसका बॉडी टेम्प्रेचर भी मेंटेन रहेगा। ये बेडशीट्स काफी जल्दी गर्म हो जाती हैं और आपको परेशानी नहीं होने देती हैं।
बच्चे को खिड़कियों और दरवाज़ों से दूर रखें
बच्चों को रोशनदानों, खिड़कियों, पंखों और दरवाज़ों से कई फीट दूर रखना चाहिए। इसके अलावा, सभी दरवाज़ों और खिड़कियों को बंद रखें, ताकि ठंडी हवा कमरे के भीतर न आ सके। अगर बच्चे की त्वचा ड्राई यानी शुष्क हो तो एक आरामदायक और हाइपरएलर्जेनिक लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
रूम हीटर या हॉट वॉटर बैग का करें इस्तेमाल
बच्चों के लिए रूम हीटर भी चलाया जा सकता है, लेकिन ये रिस्की भी होता है और इसलिए अगर आप रात में रूम हीटर चलाने से बचना चाहती हैं तो उनके बेड में हॉट वॉटर बैग्स रख दें। अगर आप पानी वाला बैग रख रही हैं तो ये लगभग पूरी रात गर्म रहता है। हां, इलेक्ट्रिक वाला बैग थोड़ा जल्दी ठंडा हो जाता है, लेकिन फिर भी बेड को गर्म करने के लिए ये बहुत मददगार साबित हो सकता है। रूम हीटर अगर चलाना भी है तो आप शाम से उसे चला दें और अपने सोने से पहले इसे बंद कर दें ताकि बच्चों के लिए कोई खतरा ना हो।
बच्चे के शरीर को गरम रखेंगे ये आहार
बच्चे के शरीर को गरम रखने के लिए उनकी डाइट में बादाम का दूध शामिल करें। बादाम की तासीर गरम होती है। इसके अलावा बच्चे को अदरक का सूप पिला सकते हैं। सर्दिेयों में बच्चों को गाजर भी खिलानी चाहिए। गाजर में विटामिन ई, विटामिन ए, प्रोटीन पाया जाता है। वहीं सर्दिैयों के दिनों में बच्चे की डाइट में ब्रोकली को शामिल करना न भूलें। ब्रोकली का सेवन करने से बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ेगी।
बिस्तर को पहले से गर्म रखें
सर्दियों में अतिरिक्त ध्यान देना और सावधानी बरतना हमेशा ही अच्छा होता है। बिस्तर को पहले से गर्म रखना अच्छी बात है। छोटे बच्चे को सुलाने से 20 से 30 मिनट पहले हॉट वाटर बॉटल या हीटिंग पैड का इस्तेमाल किया जा सकता है। या सोने से 30 मिनट पहले बिस्तर को कंबल से ढंक दें। ज़्यादा गरमाहट या जलने से बचाने के लिए हॉट वाटर बॉटल को बच्चे को सुलाने के बाद हटा लें।