मनोज बाजपेयी ने किया चौकाने वाला खुलासा, कहा - 'मैं करने वाला था सुसाइड, दोस्तों ने बचाई जान'
By: Priyanka Maheshwari Thu, 02 July 2020 1:03:30
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के निधन के बाद इंडस्ट्री के कई लोग अपने डिप्रेशन को लेकर खुलकर सोशल मीडिया पर अपनी बात रख रहे है। हाल ही में नेशनल अवार्ड विनर एक्टर मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने स्ट्रगल के शुरुआती दिनों को याद करते हुए बेहद ही चौकाने वाले खुलासे किए है। उन्होंने बताया शुरुआती दिनों में वह खुद से ही हार रहे थे और उनके मन भी खुद को खत्म करने का विचार आ रहा था, लेकिन उनके दोस्तों ने उनकी जान को बचा लिया।
उन्होंने बताया कि वह उन दिनों आत्महत्या करने के काफी करीब थे, और उन्हें वड़ा पाव भी काफी महंगा लगता था। चॉल का किराया भी बड़ी मुश्किल से भर पाते थे और एक असिस्टेंट डायरेक्टर ने उनका फोटो फाड़ दिया था।
ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए एक इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने बताया कि मैंने थिएटर किया, जिसके बारे में मेरे परिवार को आइडिया नहीं था। आखिर में मैंने अपने पिता को एक लेटर लिखा। इस बात से वह काफी नाराज हुए वह 200 रुपये भेजा करते थे, मेरे से गुस्से में उन्होंने वो नहीं भेजे। परिवार सोचता था कि मैं किसी काम का नहीं। मैं एक्टिंग में करियर बनाना चाहता था, लेकिन मैं एक आउटसाइडर था। मैं बीच में फिट होने की कोशिश में लगा हुआ था।
इस बातचीत में मनोज बाजपेयी ने आगे बताया कि मैंने हिंदी-इंग्लिश बोलनी सीखी और भोजपुरी तो मेरी भाषा थी तो इस पर मेरी अच्छी पकड़ थी। इसके बाद मैंने एनएसडी के लिए ट्राई किया लेकिन तीन बार रिजेक्ट हुआ। मैं सुसाइड करने का ही सोच रहा था, ऐसे में मेरे दोस्तों ने मेरा बहुत साथ दिया। मनोज ने कहा मैं आत्महत्या करने के काफी करीब था, इसलिए मेरे दोस्त मेरे साथ सोते थे और मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ते थे। उन्होंने मेरा साथ तब तक नहीं छोड़ा जब तक मुझे बॉलीवुड में अपनाया नहीं गया। उस साल मैं एक चाय की दुकान पर था, जब तिग्मांशु धुलिया अपने खटारा स्कूटर पर ढूंढ़ते हुए मुझे आए। शेखर कपूर (Shekhar Kapur) मुझे 'बेंडिट क्वीन' में कास्ट करना चाहते थे। तो मैं तैयार हो गया और मुंबई चला गया।
मनोज बाजपेयी ने आगे कहा कि मुझे मेरे पहले शॉट के बाद 'निकल जाओ' तक कह दिया गया था। क्योकि मैं एक आइडियल हीरो फेस नहीं था। सभी ये सोचते थे कि मैं बड़ी स्क्रीन पर दिखने के लायक नहीं क्योंकि मेरा चेहरा हीरो वाला नहीं। घर का किराया देने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे और उस समय वडापाव भी महंगा लगा करता था लेकिन, मेरे अंदर सक्सेसफुल होने की एक भूख थी।
उन्होंने कहा कि महेश भट्ट के टीवी सीरीज में मुझे पहली बार काम मिला। एक एपिसोड के 1500 रुपये मिला करते थे, वह मेरी पहली कमाई थी। मेरे काम को पहचाना गया और इसके बाद मुझे बॉलीवुड में मेरी पहली फिल्म मिली, सत्या।