‘चमकीला’ के हीरो दिलजीत को परिणीति से नहीं थी यह उम्मीद, 11 साल की उम्र में मां-बाप से हो गए थे दूर
By: Rajesh Mathur Sat, 06 Apr 2024 12:29:11
पंजाबी सिंगर व एक्टर दिलजीत दोसांझ की प्रतिभा पर किसी को शक नहीं है। दिलजीत ने खुद को हर तरह से साबित किया है। वह इन दिनों मशहूर डायरेक्टर इम्तियाज अली की फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला' को लेकर खबरों में छाए हुए हैं। फिल्म में दिलजीत दिग्गज सिंगर ‘चमकीला’ का किरदार निभा रहे हैं, जबकि एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा उनकी पत्नी ‘अमरजोत’ के किरदार में दिखेंगी। फिल्म का जमकर प्रमोशन किया जा रहा है।
इस बीच, दिलजीत ने एक इंटरव्यू में परिणीति की गायकी को लेकर अपनी रिएक्शन दी। दिलजीत ने फिल्म कंपेनियन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि यह बहुत मुश्किल था, क्योंकि लोगों ने ‘चमकीला’ के गानों को कविताओं की तरह सुना है। तो अगर कोई और उन गानों को गा रहा है तो 101 परसेंट वो अजीब लगेगा, लेकिन हमने कोशिश की है और एआर रहमान सर की टीम ने हमारी बहुत मदद की है।
परिणीति से मुझे उम्मीद नहीं थी क्योंकि ‘अमरजोत’ का हिस्सा मुश्किल था। वह एक ऊंची पिच पर गाया करती थीं तो हमने कोशिश की है लेकिन मैं ‘चमकीला’ की तरह नहीं गा सकता और परिणीति ‘अमरजोत’ की तरह नहीं गा सकतीं। हमने सिर्फ कोशिश की है। साथ ही दिलजीत ने बताया कि कैसे वह और इम्तियाज, परिणीति से अक्सर सेट पर मजाक करते थे। वे परिणीति को अलग पिच पर गाने के लिए कहते और म्यूजिशियन को दूसरे लेवल का पिच दे देते थे। फिल्म बैसाखी के शुभ अवसर पर यानी 13 अप्रैल को रिलीज होगी।
मैं एक छोटे से कमरे में अकेला रहता था : दिलजीत दोसांझ
दिलजीत दोसांझ ने अपने बचपन और माता-पिता के साथ रिश्ते के बारे में भी खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि मैं सिर्फ 11 साल का था, जब घर छोड़कर अपने मामा के साथ रहने लगा था। मैं अपने गांव को छोड़कर शहर चला गया और लुधियाना शिफ्ट हो गया। मुझे भेजने से पहले मेरे माता-पिता ने मुझसे पूछा भी नहीं था। हालांकि मुझे दूर भेजने की वजह से माता-पिता से मेरे रिश्ते खराब हो गए थे, लेकिन फिर भी मैं उनका सम्मान करता हूं।
मैं एक छोटे से कमरे में अकेला रहता था। मैं बस स्कूल जाता था और वापस आ जाता था, वहां कोई टीवी नहीं था। मेरे पास बहुत समय था। इसके अलावा उस समय हमारे पास मोबाइल फोन नहीं थे, यहां तक कि अगर मुझे घर पर फोन करना होता था या अपने माता-पिता का फोन रिसीव करना होता था, तो इसके लिए हमें पैसे खर्च करने पड़ते थे।
इसलिए मैं अपने परिवार से दूर होने लगा। मैं अपनी मां का बहुत सम्मान करता हूं। मेरे पिता बहुत प्यारे इंसान हैं। उन्होंने मुझसे कुछ नहीं पूछा। उन्होंने यह भी नहीं पूछा कि मैंने किस स्कूल में पढ़ाई की है, लेकिन मेरा उनसे सिर्फ उनके साथ ही नहीं, हर किसी के साथ नाता टूट गया। दिलजीत का जन्म 1984 में पंजाब के दोसांझ कलां गांव में हुआ था।
ये भी पढ़े :
# 200 से ज्यादा छक्के लगाने वालों की सूची में शामिल हुए आंद्रेस रसेल, KKR के पहले खिलाड़ी
# 25 करोड़ी गेंदबाज का खुला खाता, झटके अपने ही हमवतनों के विकेट, KKR में छाई खुशी